योग्य हू, तभी बातें होती हैं
दिनेश कार्तिक ने कहा, ‘अगर परिवार और दोस्तों की दुआएं मेरे साथ नहीं होती तो मैं अभी तक खेल नहीं पाता. अच्छा या बुरा, अगर लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आप किसी चीज के योग्य बने हुए हैं। यह देखना काफी सुकून देता है कि मैं इतने वर्षों के बाद भी अहम बना हुआ हूं और मैं टीम का हिस्सा होने के लिए अब भी मेहनत कर रहा हूं।' कार्तिक को हालांकि विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की आखिरी श्रृंखला में टीम में जगह नहीं मिली जिसके बाद से विश्व कप के लिए उनके चुने जाने पर संशय बन गया। उन्होंने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए नहीं चुने जाने पर हैरान था पर मुझे यकीन था और आखिरी में मुझे पिछले दो साल के प्रदर्शन के आधार पर चुना गया।
पिछले प्रदर्शन को देखना जरूरी नहीं
33 साल के कार्तिक ने कहा कि मैंने विभिन्न क्रमों पर बल्लेबाजी की है और मुझे सफलता भी मिली है, लेकिन मेरे लिए पिछले प्रदर्शन को देखना जरूरी नहीं, मेरे लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट होने जा रहा है और मुझे अब वहां खेलने का मौका मिला है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके बारे में क्या कहा जा रहा है। मेरे लिए यह जरूरी है कि मुझे एक मौका मिला है। ऐसे लोग हैं जो मुझ पर विश्वास करते हैं। मुझे वहां जाकर अपने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है।
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फिनिशर की खोज पूरी हुई
बता दें कि कार्तिक लंबे समय से खेल रहे हैं। वह सिर्फ 26 टेस्ट, 91 वनडे ही खेल सके हैं। वह विकेटकीपर के रूप में उभरे थे लेकिन धोनी ने इस स्थान को भरते हुए लंबे समय तक कार्तिक को फिर से टीम में वापसी करने के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। अब धोनी के संन्यास लेने के बाद कार्तिक भारतीय टीम के सीनियर विकेटकीपर के रूप में रहेंगे। धोनी के बाद कार्तिक कुछ सालों तक टीम का हि्स्सा बन सकते हैं। कार्तिक 2017 में हुई चैंपियंस ट्राफी के बाद से टीम में जगह बनाए रखने में सफल हुए। श्रीलंका में निदहास ट्राफी के फाइनल में आखिरी गेंद पर जब उन्होंने छक्का मार कर जीत दिलाई तब लगा कि टीम प्रबंधन की फिनिशर की खोज पूरी हुई।