नई दिल्ली। आईसीसी विश्व कप 2019 का खिताब इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराकर हासिल किया था। लेकिन जिस अंदाज में उन्हें जीत मिली वो सदियों तक याद रखी जाएगी। दोनों टीमों के बीच हुआ यह फाइनल मुकाबला विवादों से भरा रहा। खासकर आईसीसी के उस नियम की आलोचना हुई जिसके आधार पर इंग्लैंड को विजयी घोषित कर दिया था। मैच टाई व सुपरओवर भी टाई होने के बाद आईसीसी ने मैच में कुल सर्वाधिक बाउंड्री लगाने वाली टीम को विजेता बनाया। वहीं आखिरी ओवर में कीवी खिलाड़ी मार्टिन गप्टिल के ओवर थ्रो पर बेन स्टोक्स का बल्ला लगने से ओवरथ्रो के 6 रन दे दिए गए, जिसे हार का कारण माना गया था। अब आईसीसी इस विवादित ओवर थ्रो की जांच करने को तैयार है जिसको लेकर फैसला अगले महीने आने की पूरी संभावना है।
खेल के कानूनों की संरक्षक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने कहा है कि अगले माह इस नियम की समीक्षा की जाएगी। एमसीसी ने कहा कि वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी ने ओवर थ्रो के नियम 19.8 के बारे में चर्चा की थी और उन्हें लगता है कि नियम सही है, लेकिन इस मामले पर लॉ सब कमिटी सितंबर में समीक्षा करेगी। एमसीसी के इस बयान से इंग्लैंड के विश्व कप खिताब को कोई नुकसान होता नहीं दिख रहा है, जो फैंस के लिए अच्छी बात है। अब देखना होगा कि सितंबर में एमसीसी क्या फैसला लेगी।
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बता दें कि विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड की टीम न्यूजीलैंड के 241 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और उसे आखिरी की तीन गेंदों में नौ रन चाहिए थे। उसी वक्त बेन स्टोक्स ने दो रन लेने की कोशिश की और तभी मार्टिन गुप्टिल का थ्रो उनके बल्ले से टकराकर चार रन के लिए बाउंड्री पार कर गया। इसके बाद ऑन फील्ड अंपायर ने दो रन बल्लेबाजों के और चार रन ओवर थ्रो के मिलाकर कुल छह रन इंग्लैंड को दे दिए जो न्यूजीलैंड को जीत से दूर कर गए। फाइनल के बाद आईसीसी के पूर्व एलीट पैनल के अंपायर सिमोन टॉफेल ने कहा था कि अंपायर्स ने पांच की बजाय छह रन दे दिए, क्योंकि जब गप्टिल ने थ्रो किया, तब तक दोनों बल्लेबाजों ने एक दूसरे को क्रॉस नहीं किया था।