नई दिल्ली। इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने 14 जुलाई को लाॅर्ड्स के मैदान पर न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार आईसीसी विश्व कप खिताब अपने नाम किया। इंग्लैंड टीम 3 बार पहले फाइनल हार चुकी थी लेकिन इस बार उन्होंने कोई गलती ना करते हुए ट्राॅफी अपने हाथों में थामी। ऐतिहासिक जीत के बाद पूरी टीम ने मैच के बाद जश्न मनाया। ड्रेसिंग रूम में भी खुशी की लहर दिखी, लेकिन इंग्लैंड के लोगों में उत्साह तो दिखा लेकिन वैसा नहीं जैसा भारतीय फैंस में दिखता है। महान कवि डाॅ. कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर की जिस दाैरान उन्होंने इंग्लैंड के फैंस और भारतीय टीम के फैंस में अंतर गजब शब्दों में बयां किया।
VIDEO : 1966 फुटबॉल WC भी इंग्लैंड विवादों के साथ जीता था, अब क्रिकेट WC भी चर्चा में
यह बात सच है कि क्रिकेट का क्रेज भारतीय लोगों में सिर चढ़कर बोलता है। अगर भारत कोई मैच जीतता है तो देशभर में उसके चर्चे पूरा सप्ताह होते रहते हैं। छोटे-छोटे गांवों तक के लोगों को भी भारतीय टीम की जीत खुश कर देती है, लेकिन इंग्लैंड जैसे देश जिसने क्रिकेट को जन्म दिया, वहां फैंस उस तरीके से जश्न नहीं मनाते जैसे भारतीय फैंस दिन-रात पटाखे चलाकर और ढोल बजाकर मनाते हैं। इंग्लैंड की जीत पर उनके शहर पटाखों में ज्यादा नहीं गूंजे। आसमान धुएं की चपेट में नहीं था। कुमार विश्वास ने इंग्लैंड की सड़कों से गुजरते हुए एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- ''हम जीतते तो धुआँ-धुँआ कर देते, एक ये हैं, कतई बेस्वाद लोग हैं ये गोरे तो।'' कुमार विश्वास ने यह शब्द करके इंग्लैंड फैंस पर नहीं, बल्कि भारतीय फैंस पर निशाना साधा।
हम जीतते तो धुआँ-धुँआ कर देते, एक ये हैं 😳 क़तई बेस्वाद लोग हैं ये गोरे तो 😳 #CWC19Final pic.twitter.com/NcqTO8e3Yv
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 14, 2019
भारतीय टीम सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई थी। देशभर में फैंस मायूस दिखे। अगर भारत फाइनल जीतता तो हर बार की तरह इस बार भी सड़कें जाम होंती, ध्वनि प्रदूषण होता और खूब पटाखे चलते। आसमान भी धुंध की चपेट में आ जाता। जब कोई शहर शहर प्रदूषित हो जाए तो और फिर सरकार को कोसा जाता। शायद कुमार विश्वास भी कुछ यही कहना चाहते थे। उन्होंने इंग्लैंड के शहर की वीडियो शेयर कर बताया कि क्रिकेट के प्रति भारतीय टीम के फैंस और इंग्लैंड टीम के फैंस में कितना जमीन आसमान का अंतर था।