टॉस के लिए बावुमा का टोटका-
इस मैच के शुरू होने से पहले डु प्लेसिस लगातार विदेशी जमीन पर टॉस हारने से पस्त नजर आए थे। उन्होंने मैच की पूर्व संध्या पर इशारा किया था कि शायद उनकी किस्मत की टॉस के मामले में खराब है इसलिए वे अपनी जगह किसी और खिलाड़ी से टॉस करा सकते हैं। उन्होंने कहा, 'संभवत: हम बदलाव करेंगे.... कल टॉस के लिए किसी अन्य को भेजकर क्योंकि मेरा रिकॉर्ड अभी तक इसमें (टॉस जीतने) अच्छा नहीं रहा है।' डु प्लेसिस ने कहा कि अगर उनकी टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका मिलता है तो फिर कुछ भी हो सकता है। मजेदार बात यह है कि रांची टेस्ट में ऐसा हो भी गया। यहां जब टॉस का समय आया तो डुप्लेसिस अपने साथ टेंबा बावुमा को ले गए और बावुमा ने ही टॉस के लिए कॉल किया।
किस्तम फिर रूठ गई फाफ से-
इसके बावजूद भी बावुमा से टॉस कराने का टोटका फिट नहीं बैठा और अफ्रीका एक बार फिर टॉस हार गया। उल्लेखनीय है कि यह टॉस कॉल भले ही बावुमा ने की थी लेकिन टॉस हारना डु प्लेसिस के खाते में ही शामिल होगा। इसलिए ऐसा लगता है कि दक्षिण अफ्रीका के साथ उसके कप्तान की किस्मत भी रूठी हुई है। यह पिछले सात विदेशी धरती पर खेले गए मैचों में फाफ का लगातार 7वां टॉस था जो वे हार गए। इस दौरान हुए 6 टेस्ट मैचों में उन्होंने सब मैच हारे हैं और रांची उनका 7वां टेस्ट हैं।
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5 बदलावों के साथ उतरी अफ्रीकी टीम-
गौरतलब है कि फाफ डुप्लेसिस पहले भी ऐसा कर चुके हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर में साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच एक इंटरनैशनल टी-20 मैच खेला गया था, जिसमें फाफ डु प्लेसिस की जगह जेपी ड्यूमिनी टॉस के लिए आए थे। रोचक बात यह है कि ड्यूमिनी उस मैच के लिए प्लेइंग इलेवन का हिस्सा भी नहीं थे। इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया है। टीम इंडिया ने ईशांत शर्मा की जगह पर नए स्पिनर शाहबाज नदीम को टेस्ट डेब्यू करने का मौका दिया है। जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम ने हमज़ा, क्लासेन, लिंडे, एनगिडी और पीडेट के रूप में पांच बदलाव किए हैं। घायल मार्कराम के अलावा, मेहमानों ने फिलेंडर, डी ब्रुइन, मुथुसामी और महाराज को ड्रॉप किया है।