नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए तीन टी20 मैचों की सीरीज के पहले मैच में दर्शकों ने जहां मैच देखने का लुफ्त उठाया तो वहीं छात्रों के एक ग्रुप ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने के लिए छाओं ने बैनर का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि टी-शर्ट पर लिखे शब्दों के द्वारा किया। सभी छात्र लाइन में खड़े होए गए। ऐसे में उनकी शर्ट पर नो एनपीआर और नो एनआरसी' लिखा हुआ नजर आया।
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प्रदर्शनकारी आईआईटी बॉम्बे के छात्र बताए गए। मैच के दौरान इन युवाओं ने नारेबाजी भी की। सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों से शांति बनाए रखने को कहा। भीड़ के एक वर्ग ने मोदी-मोदी का जाप करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद प्रदर्शन कर रहे सभी प्रदर्शनकारियों को स्टेडियम से बाहर निकाला गया। घटना के दौरान स्टेडियम में मौजूद हर्ष पाटिल ने तर्क दिया कि क्रिकेट मैदान राजनीतिक विरोध के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है। उन्होंने कहा, "आप जहां चाहें वहां विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते। विरोध हर जगह होता है। वे आम लोगों के जीवन में खलल डालते हैं। हम यहां मैच का आनंद ले रहे हैं और कुछ समूह आते हैं और विरोध करके राजनीति करते हैं। इसे रोकना होगा।"
#Wankhede Stadium shouting slogans of NO NPR,NRC and CAA.
— Fahad Ahmad (@FahadTISS) January 14, 2020
MUMBAI i love more and more.#INDvAUS#RishabhPant@naukarshah@ReallySwara @Mdzeeshanayyub @hussainhaidry @UmarKhalidJNU pic.twitter.com/QPObVkKptY
इस बीच, प्रदर्शनकारियों में से एक ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि वे मैच में शांति से अपना संदेश दिखाने के लिए वानखड़े स्टेडियम में पहुंचे। उन्होंने कहा, ''हमने चुपचाप अपना संदेश दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया, जो हमारे टी-शर्ट पर लिखा था। बीसीसीआई के नियम भी किसी को भी अनुमति देते हैं( यानी कि शर्ट पर लिखे शब्दों पर)। हम पिछले कई दिनों से विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक पीएम मोदी ने सीएए एनआरसी और एनपीआर पर बात करने के लिए हमसे संपर्क नहीं किया है।"