क्रिकेट के 'पिकासो' की कहानी
टेस्ट में विराट ने हाल के दिनों में एक से बढ़कर एक शानदार और बेमिसाल पारी खेली है। उनकी हर एक पारी क्रिकेट के किताब के उस पन्ने की तरह ही जिसे आप कितनी बार भी पढ़ लें आपका दिल नहीं भरेगा। इंग्लैंड की सरजमीं पर पहले टेस्ट की पहली पारी में कोहली ने अपना पहला शतक जड़ा और क्रिकेट के कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। जानिए क्रिकेट के इस 'पिकासो' ने अपने बल्ले से रिकॉर्ड की रंगबिरंगी दुनिया में कितने नए रंग भर दिए।
इंग्लैंड में शतक लगाने वाले चौथे भारतीय कप्तान :
अगर भारतीय कप्तानों की बात करें तो विराट कप्तानों के एलिट क्लब में शामिल हो गए हैं,2014 के 5 टेस्ट की 10 पारियों में उन्होंने कुल 134 रन बनाए थे लेकिन उन्होंने पहले ही मैच में एक नया इतिहास लिख दिया। विराट चौथे ऐसे भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ शतक जड़ा है। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने साल 1990 में ओल्ड ट्रेफोर्ड के मैदान पर 171 रनों की पारी खेली थी। यह किसी भी भारतीय कप्तान के द्वारा इंग्लैंड में बनाया गया सर्वाधिक स्कोर है। मंसूर अली खान पटौदी ने साल 1967 में 148 रनों की पारी खेली थी वहीं सौरव गांगुली ने भी साल 2002 में हेडिंग्ले में 128 रनों की शानदार पारी खेली थी।
विराट की विराट पारियां :
पिछले दो साल से टेस्ट क्रिकेट में विराट के बल्ले से जमकर रन बरसे हैं। 2015 के बाद एजबेस्टन में यह पहला मौका था जब वो टेस्ट शतक लगाने के बाद 150 का स्कोर पार नहीं कर पाए। इससे पहले उन्होंने 12 बार 150 रनों का आंकड़ा पार किया है। विराट के पूरे करियर में पहले 11 शतक में वो 9 बार 150 से कम के स्कोर पर आउट हुए हैं जबकि आखिरी के 11 शतक में वो एक बाद 150 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। सौरव गांगुली ने जब विराट को एजबेस्टन पर खेलते हुए देखा तो सिर्फ एक बात कही, यह शुरूआत है, अभी ऐसे कई शतक इंग्लैंड में आने बांकी हैं।
मैच के 54.37 फीसदी रन अकेले कोहली ने बनाए:
क्रिकेट में कप्तान हमेशा टीम की नैया को मंझधार से पार लगाता है, टीम इंडिया के कप्तान विराट की यह पारी भी कुछ ऐसी ही थी। 50 रनों की ओपनिंग साझेदारी के बाद जब भारतीय टीम के तीन धाकड़ बल्लेबाज पवेलियन जा चुके थे तब विराट ने संकट की स्थिति में मोर्चा संभाला। धोनी के बाद वो दूसरे ऐसे भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने 149 रनों की शानदार पारी खेली जब दूसरे छोड़ से कोई बल्लेबाज 30 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया। कोहली ने मैच में भारतीय पारी (149/274) के 54.37 फीसदी रन अकेले बनाए। धोनी ने ऐसी ही धमाकेदार पारी साल 2014 में खेली थी जब उन्होंने 10वें विकेट के लिए 58 रनों की साझेदारी की थी और 209 गेंदों में 82 रनों की शानदार पारी खेली थी। उन्होंने मैच के 55.41 फीसदी रन अकेले बनाए थे।
एजबेस्टन के मैदान पर शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय :
एजबेस्टन का मैदान भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए कुछ खास नहीं रहा है। यहां अब तक खेले गए 6 टेस्ट मुकाबलों में टीम इंडिया को 5 में हार और एक में ड्रा का सामना करना पड़ा है। इस मैदान पर विराट से पहले सचिन तेंदुलकर एकलौते ऐसे खिलाड़ी थे जिनके नाम शतक है। उन्होंने साल 1996 में 122 रनों की पारी खेली थी और उनकी यह पारी भी कोहली की तरह ही वन-मैन शो वाली पारी थी। साल 2008 में ग्रीम स्मिथ ने बतौर कप्तान इस मैदान पर शतक जड़ा था वहीं जावेद मियांदाद, मार्क टेलर और स्टीव वॉ ने भी इस मैदान पर शतक जड़ा है।
कन्वर्जन के मामले में टेस्ट के बेस्ट कप्तान हैं कोहली :
कोहली पिछले दो साल से क्रिकेट के हर प्रारूप में शानदार क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने 2016 के बाद 73.33 फीसदी अर्धशतक को सैकड़े में तब्दील किया है। पिछले दो साल में उन्होंने 15 बार अर्धशतक का आंकड़ा पार किया और इसे 11 बार शतक में तब्दील करने में कामयाब रहे। वहीं जो रूट पिछले दो सालों में 29 बार 50 या उससे अधिक का स्कोर करने के बावजूद महज 5 बार इसे शतक में बदल पाए हैं। कप्तान बनने के बाद रूट के कंवर्जन रेट में 50 फीसदी की कमी आई है। बतौर कप्तान कोहली ने 71 फीसदी कंवर्जन रेट से पिछले दो साल में टेस्ट रन बनाए हैं। केन विलियमसन 41.7 फीसदी, स्टीव स्मिथ 53.6% और जो रूट 12.5 फीसदी के साथ दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर पर मौजूद हैं।
अश्विन ने विराट की कप्तानी में किया यह कमाल :
कोहली की कप्तानी में पिछले दो साल में लगभग हर एक टेस्ट मैच में टीम में बदलाव हुए हैं लेकिन इस बदलाव के बीच एक शख्स रिकॉर्ड की झाड़ियां लगा रहा है। आर अश्विन के नाम कोहली की कप्तानी में खेलते हुए एक और शानदार रिकॉर्ड जुट गया। कोहली की कप्तानी में सबसे कम मैच खेलते हुए 200 विकेट लेने का कारनामा अश्विन ने किया। उन्होंने 34 मैचों में 200 विकेट लिया है। सनथ जयसूर्या की कप्तानी में मुथैया मुरलीधरन ने महज 30 टेस्ट मैचों में सबसे तेज 200 विकेट लिया था जबकि शेन वार्न ने भी इतने ही मैचों में पोंटिंग की कप्तानी में यह कमाल किया था। एजबेस्टन टेस्ट में यह पहला मौका था जब 157 टेस्ट खेल चुके एलिस्टर कुक दोनों पारियों में पहली बार बोल्ड हुए और यह कारनामा आर अश्विन ने किया।