नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव के कारण क्रिकेट संबंध भी अच्छे नहीं रहे हैं। इसलिए, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला को फिर से शुरू करने पर विचार-विमर्श नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मणि का मानना है कि किसी भी प्रकार की श्रृंखला दो राष्ट्रों के बीच तब तक शुरू नहीं हो सकती जब तक कि उनके बीच राजनीतिक संबंध ठीक नहीं हो सकेंगे।
मणि ने यहां तक स्पष्ट कर दिया कि वह बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से अनुरोध नहीं करेंगे कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग में आने दिया जाए। द पीपल इन ब्लू हैवन पाकिस्तान की धरती पर किसी भी टेस्ट सीरीज का हिस्सा 14 साल से अधिक समय तक नहीं रहा, और इसी तरह से पड़ोसियों ने करीब आठ साल तक भारत का दौरा नहीं किया। सभी अराजकता को एक तरफ रखते हुए, इन सभी वर्षों में विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे आयोजनों में दोनों राष्ट्रों ने एक-दूसरे के साथ मैच खेले।
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मणि ने न्यूज18 के हवाले से कहा, ''इन वर्षों में, पीसीबी ने द्विपक्षीय क्रिकेट को लेकर BCCI के साथ कई विचार-विमर्श किए हैं। चाहे वह टी20 क्रिकेट हो या द्विपक्षीय, सभी चीजें बीसीसीआई के हाथ में हैं। इस समय, मेरा भारत के साथ कोई भी टी 20 लीग खेलने का इरादा नहीं है। सबसे पहले, उन्हें हमारे साथ राजनीतिक संबंधों को सुलझाना होगा, फिर हम बात करेंगे और तभी कोई सीरीज शुरू हो सकती है।''
आईपीएल के सिर्फ एक ही सीजन में पाकिस्तान के खिलाड़ी खेल पााए थे, जिसमें उनके 11 क्रिकेटरों को विभिन्न फ्रेंचाइजी का हिस्सा बनाया। स्पीडस्टर सोहेल तनवीर ने भी राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए 22 विकेट हासिल कर पर्पल कैप हासिल की। हालाँकि, वर्तमान परिदृश्य में, पीसीबी प्रमुख भारत के साथ क्रिकेट की कार्रवाई शुरू करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। मणि ने निष्कर्ष निकाला कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से पहले बीसीसीआई को भारत सरकार से अनुमति लेनी होगी।
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उन्होंने कहा, ''मैं द्विपक्षीय क्रिकेट के बारे में बीसीसीआई से बात नहीं कर रहा हूं। यह उनके ऊपर है कि अगर वे कुछ बोलें तो हम बात करें। आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) संविधान कहता है कि कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसलिए, मुझे लगता है कि बीसीसीआई को उनसे (आईसीसी) से बात करनी चाहिए।''