नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने(बीसीसीआई) ने पाकिस्तान क्रिकेट को खुद से अलग-थलग कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) के आगे झुकते हुए भी पाकिस्तान को भारतीय क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ बोलने का कोई फायदा नहीं मिला। दोनों देशों के बीच आपसी संबंध ठीक ना हो पाने के कारण क्रिकेट संबंध बिगड़े हुए हैं। भारत के साथ कोई द्विपक्षीय सीरीज ना होती देख अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन अहसान मनी बाैखलाए हुए नजर आ रहे हैं।
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पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अहसान मनी ने श्रीलंका-पाकिस्तान क्रिकेट टीमों के बीच मैच की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रावलपिंडी स्टेडियम का दौरा किया। इस माैके पर उन्होंने मीडिया से कहा, "भारत के क्रिकेट बोर्ड में चरमपंथी बैठे हुए हैं। वहां के बोर्ड से अब बराबरी के स्तर पर बात होगी।" अहसान मनी ने इस बात पर जोर दिया है कि उनका देश अब एख सुरक्षित देश है। अगर किसी को इस बात पर शक है तो वह अगवत कराएंगे।
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इसके साथ ही मनी ने इस बात का विश्वास जताया कि क्रिकेट जगत की बड़ी टीमें अब पाकिस्तान का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की टीम 2021 में और आस्ट्रेलिया की टीम 2022 में पाकिस्तान का दौरा करेंगी। बांग्लादेश के साथ बात चल रही है। उसके साथ टेस्ट मैच रावलपिंडी में ही खेला जाएगा। बता दें कि हाल ही में श्रीलंका क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दाैरा किया था। श्रीलंका टीम के खिलाड़ियों पर साल 2009 में हमला हुआ था जिसके बाद अन्य टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया था।