नई दिल्लीः डेब्यूटेंट स्पिनर स्नेह राणा ने इंग्लैंड की महिला टीम के खिलाफ भारत के टेस्ट के पहले दिन तीन विकेट लेकर वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपना प्रदर्शन अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया, जिनका दो महीने पहले निधन हो गया था। 27 साल की स्पिनर के मुताबिक उन्हें टीम मीटिंग में अपने डेब्यू के बारे में पता चला।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए कहा, "अभ्यास सत्र में, हम कप्तान (मिताली राज) और कोच (रमेश पोवार) से बात करते थे कि क्या करना है, कैसे गेंदबाजी करनी है, क्या करना है। मैं पहली बार किसी टेस्ट में खेल रही थी, जहां मामला एक दिवसीय और टी20 से थोड़ा अलग है, इसलिए हम इसके बारे में रोजाना बात करते थे।
"मैंने दो महीने पहले अपने पिता को खो दिया था। जब इस टीम की घोषणा की गई थी, उससे थोड़ा पहले मैंने उन्हें खो दिया था। यह थोड़ा मुश्किल था, यह एक भावनात्मक क्षण था क्योंकि वह मुझे भारत के लिए फिर से खेलते देखना चाहते थे। लेकिन दुर्भाग्य से वे मुझे देख नहीं सकते, ये जीवन का हिस्सा है लेकिन जो भी मैंने किया और जो भी मैं करूंगा, वह सब उनको समर्पित करूंगी।"
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राणा ने आगे कहा कि पिच थोड़ी धीमी थी, लेकिन यह उनके अनुकूल थी। एक समय इंग्लैंड दो विकेट पर 230 रनों पर आराम से इतरा रहा था, लेकिन राणा और दीप्ति शर्मा ने अंतिम सत्र में भारत को वापस लाने के लिए दो-2 विकेट लिए।
इंग्लैंड ने ये चार विकेट सात ओवर में महज 21 रन पर गंवा दिए। राणा ने एक दिन के खेल के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, "शुरुआती चरण में पिच थोड़ी धीमी थी, लेकिन इससे स्पिनरों को मदद मिली, क्योंकि यह शुरू से ही थोड़ी टर्न हो रही थी। यह बल्लेबाजी करने के लिए एकदम सही विकेट है। मुझे लगता है कि यह कल भी ऐसा ही रहेगा।"
इंग्लैंड ने स्टंप्स पर 269/6 का स्कोर कर लिया था। कप्तान हीथर नाइट ने सर्वाधिक 95 रन बनाए।