ड्रॉप होने के बाद खराब हो गई मेंटल हेल्थ
हालांकि इसके बाद वह थोड़ी लय से भटकते नजर आये और 2018 में भारत के खिलाफ एजबास्टन टेस्ट के बाद से बाहर हो गये। इसके बाद अगले 3 साल तक उन्हें टीम में जगह बनाने का मौका नहीं मिला और इंग्लिश टीम के सलामी बल्लेबाजों के लगातार फ्लॉप होने के बाद भारत के खिलाफ ही हेडिंग्ले में उन्हें वापसी करने का मौका मिला है जहां पर वो तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते नजर आ सकते हैं।
इस बीच मलान ने मैच से अपने टीम से बाहर होने के वाक्ये को याद किया और कहा कि जिस तरह से वह टीम से बाहर किये गये उससे उनकी मेंटल हेल्थ को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अपने करियर को पटरी से उतारने के लिये पूर्व चयनकर्ता एड स्मिथ की आलोचना भी की।
जब भी मैदान पर गया तो फोकस करने में हुई मुश्किल
उन्होंने कहा,'जब आप टीम से बाहर किये जाते हैं तो यह काफी भावुक होता है और जब चीजें सेटल होती है तो आप पीछे मुड़कर देखते हैं तो आप सोचते हैं कि शायद ड्रॉप होने से पहले आखिरी 4-5 मैचों में मेरे बल्ले से ज्यादा रन नहीं निकले लेकिन उस समय जिस तरह की बातें कही गई उसने कोई मदद भी नहीं की। इन बातों की वजह से मुझे लगभग 4-5 महीनों तक मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा।'
मलान ने आगे बात करते हुए कहा कि ड्रॉप किये जाने का असर अगले 4-5 महीनों तक मुझ पर नजर आया। हर बार जब भी मैं बाहर खेलने गया तो सही माइंडस्पेस हासिल नहीं कर सका, लेकिन कुछ समय का ब्रेक लेने के बाद मैंने अपने विचारों को इकट्ठा किया और करियर के एक नये हिस्से में कदम रखा।
हर ऐरा गैरा रखता है आपकी बल्लेबाजी पर विचार
उन्होंने कहा,'आप दिन-रात मेहनत करने के बाद इंग्लैंड की टीम में खेलने का अधिकार हासिल करते हैं और फिर कुछ बयान की वजह से आपका करियर पटरी से उतर जाता है और आप बीच अधर में लटके नजर आते हैं। यह काफी हैरान करने वाला है कि हर टॉम, डिक और हैरी (ऐरा-गैरा) आपके बारे में एक ऑपिनियन रखता है और जब भी आप रन नहीं बना पाते हैं उनके बयान आपको परेशान करने के लिये आ जाते हैं।'
गौरतलब है कि डेविड मलान ने अपने करियर में अब तक 15 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 27.84 की औसत से 724 रन बनाये हैं। इस दौरान मलान के बल्ले से एक शतक और 6 अर्धशतक भी आये हैं। आपको बता दें कि मौजूदा सीरीज में भारतीय टीम 1-0 से आगे जरूर चल रही हैं लेकिन हेडिंग्ले टेस्ट में पहले दिन इंग्लैंड के गेंदबाजों का बोलबाला रहा है और भारतीय टीम ने महज 67 रन पर अपने 8 विकेट खो दिये हैं।