साउथ अफ्रीका के लिये खेला घरेलू क्रिकेट
डेवॉन कॉन्वे ने मार्च 2017 में जोहान्सबर्ग के मैदान पर अपना आखिरी घरेलू मैच खेला था जहां पर उन्होंने गोटेंग प्रोविंस के लिये अपना पहला दोहरा शतक लगाया, हालांकि कॉन्वे की इस पारी के बाद उनकी किस्मत बदल जानी चाहिये थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उनके करियर ने उड़ान भरने के बजाय अंत देखा। बतौर साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर कॉन्वे की यह आखिरी पारी थी जिसके बाद अगस्त में उन्होंने अपने नये घर न्यूजीलैंड की ओर उड़ान भरी।
दरअसल जब डेवॉन कॉन्वे ने न्यूजीलैंड के लिये उड़ा भरी तब वह साउथ अफ्रीका के घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बना पाने में नाकाम रहे थे, वह लॉयन्स के लिये 12 मैचों में 21.29 की औसत से ही रन बना सके थे जिसमें सिर्फ एक अर्धशतकीय पारी शामिल थी। ऐसे में जब यह खिलाड़ी घरेलू स्तर पर अपनी पहचान बना पाने में नाकाम रहा तो उसने न्यूजीलैंड में बसकर अपने करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
टीम में तय नहीं हो पा रही थी मेरी जगह
ईएसपीएनक्रिकइंफो के साथ बात करते हुए कॉन्वे ने कहा कि जब वो घरेलू स्तर पर साउथ अफ्रीका के लिये क्रिकेट खेलते थे तो उनकी बल्लेबाजी का क्रम तय नहीं थता जिसके चलते उनका भविष्य साफ नजर नहीं आ रहा था।
उन्होंने कहा,'मैं अक्सर टीम से बाहर रहा करता था, मेरे पास टीम में अपनी एक तय जगह नहीं थी। टी20 प्रारूप में मुझे अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाजी भी करनी पड़ती थी, एकदिवसीय मैचों में मैं ओपनिंग करता था तो 4 दिवसीय मैचों में 5 नंबर पर बल्लेबाजी कर रहा था, मुझे टीम में तभी शामिल किया जाता था जब कोई बाहर होता था। मैंने लगभग हर पॉजिशन पर बल्लेबाजी की थी, कई बार नंबर 7 पर भी। इतना ही नहीं मुझसे गेंदबाजी भी नहीं कराई जाती थी, भविष्य को लेकर मेरी अनिश्चितता ने मुझे यह फैसला लेने पर मजबूर किया और मुझे लगा कि मेरे लिये देश से बाहर जाना ही सही विकल्प साबित होगा।'
ऐसे लिया कीवी टीम के लिये खेलने का फैसला
अपने करियर के शुरूआती 5 सालों के दौरान इंग्लैंड में जाकर प्रोफेशन क्रिकेट खेलने वाले इस खिलाड़ी के लिये भले ही इंग्लिश टीम ज्यादा सही विकल्प नजर आ रहा था लेकिन अपने एक दोस्त के कहने पर उन्होंने न्यूजीलैंड जाकर बसने और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया,'वॉन्डर्स में खेली गई अपनी आखिरी पारी से पहले मैं अपनी दोस्त किम के साथ गोल्फ खेल रहा था। इस दौरान जब मैंने उससे कहा कि मुझे लग रहा है कि यहां पर मेरा करियर किसी एक दिशा में नहीं जा पा रहा है और मैं न्यूजीलैंड जाकर बसने और वहीं से खेलने के बारे में सोच रहा हूं। इस पर मेरी दोस्त ने कहा कि फिर करते हैं, मुझे लगा कि वो मजाक कर रही है लेकिन वो सीरियस थी। आपको जीवन एक ही बार मिलता है तो हमें यह जुंआ खेलना चाहिये। मुझे लगता है कि यह वो फैसला है जो हम कभी नहीं भूलेंगे।'
कीवी टीम के नये सितारे बनकर उभरे कॉन्वे
साउथ अफ्रीका से न्यूजीलैंड में बसने के महज 2 साल के अंदर ही डेवॉन कॉन्वे ने अपनी शानदार तकनीक के दम पर कीवी टीम के चयनकर्ताओं को अपना फैन बनाने में कामयाब हो गये। वेलिंगटन फायरबर्डस की ओर से खेलते हुए कॉन्वे ने पहले 17 फर्स्ट क्लास मैचों में 72.63 की औसत से 1598 रन बनाने का काम किया। इस दौरान उन्होंने एक तिहरे शतक के साथ 4 शतकीय पारियां खेलने का काम किया। कॉन्वे ने पिछले साल अक्टूबर में कैंटेबरी के खिलाफ 327 रनों की पारी खेली। कॉन्वे ने 2019-20 के दौरान सीजन के सभी टूर्नामेंटस में सबसे ज्यादा रन बनाने का काम किया और नवंबर 2020 में कीवी टीम के लिये घरेलू स्तर पर डेब्यू किया।
इसके बाद से कॉन्वे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार रनों का अंबार लगाने का काम किया, जिसके चलते उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी डेब्यू करने का मौका मिला और उन्होंने पहली ही पारी में 150 से ज्यादा रनों की पारी खेल दी है।