वेस्टइंडीज ने कई बार अंपायर के फैसले को पलटा
उल्लेखनीय है कि मैच के तीसरे दिन वेस्टइंडीज की टीम ने 5 बार डीआरएस का इस्तेमाल किया और हैरानी की बात यह रही कि 4 बार वो अंपायर का फैसला बदलने ममें कामयाब रहे। साउथैम्पटन टेस्ट मैच में फील्ड अंपायर रिचर्ड केटेलबोरोह और रिचर्ड इलिंगवर्थ के लिए दिन काफी मुश्किलों भरा साबित हुआ। जहां पर दोनों अंपायर ने 4 बार वेस्टइंडीज के खिलाफ गलत निर्णय दिया और कैरिबियाई खिलाड़ियों ने डीआरएस का इस्तेमाल कर हर बार फैसले को पलटने का काम किया। इसके बाद दोनों अंपायरों के फैसलों पर सवाल उठने लगे हैं।
पहले गेंदबाजी में अंपायरों ने सुनाये गलत फैसले
गौरतलब है कि मैच के तीसरे दिन पहला डीआरएस 25.4 ओवर में लिया गया जब शैनन गैब्रियल की गेंद ने रोरी बर्न्स के पैड को छुआ और अंपायर ने नॉटआउट करार दिया। गैब्रियल ने थर्ड अंपायर का रुख करने का फैसला किया और नतीजा उनके पक्ष में आया। इसके बाद 33वें ओवर में जेसन होल्डर की गेंद जैक क्रॉली के पैड पर लगी और उन्हें भी आउट नहीं दिया गया। होल्डर ने तीसरे अंपायर का रुख किया और नतीजा फिर उनके पक्ष में आया। जोफ्रा आर्चर की विकेट भी जेसन होल्डर के नाम कुछ इसी तरह से हुई और डीआरएस के चलते फैसला पलटने से उन्होंने अपने 5 विकेट भी पूरे कर लिये।
बल्लेबाजी में भी जारी रहा खराब अंपायरिंग का सिलसिला
सिर्फ कैरिबियाई गेंदबाजी के दौरान ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी के दौरान भी खराब अंपायरिंग का सिलसिला जारी रहा। जेम्स एंडरसन की गेंद पर जब अंपायर ने जॉन कैम्पबेल को आउट दिया तो उन्होंने आखिरी सेकेंड में रिव्यू लिया और नतीजा उनके पक्ष में रहा। 6 ओवर बाद अंपायर ने फिर से कैम्पबेल को आउट दिया और उन्होंने फिर डीआरएस लिया और नतीजा बदल गया।
अंपायर इलिंगवर्थ को आखिरकार सफलता तब मिली जब उसी ओवर की आखिरी गेंद पर तीसरी बार कैम्पबेल के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील हुई और अंपायर ने आउट करार दे दिया। कैंपबेल ने रिव्यू लिया लेकिन इस बार फील्ड अंपायर का फैसला माना गया।