1. एमएस धोनी
विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने करियर दाैरान भारतीय टीम को बुलंदियों तक पहुंचाने में बताैर कप्तान अहम काम निभाया। वह दुनिया के इकलाैते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने अपने देश को आईसीसी के तीनों खिताब दिलाए हों। उनकी कप्तानी में भारत ने 2017 में टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे फाॅर्मेट का विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्राॅफी जीती। धोनी भले ही अब टीम के कप्तान ना हों लेकिन मैदान पर फैसले अभी भी उनके ही माने जाते हैं। वहीं विकेटकीपिंग में सबसे फुर्तीले खिलाड़ी भी वहीं है। दुनियाभर में उनकी चीते सी फुर्ती का कोई तोड़ नहीं। उनके क्रिकेट छोड़ने के बाद शायद ही भारत को उनके जैसा विकेटकीपर मिले। हालांकि धोनी ने 30 दिसंबर 2014 को टेस्ट से संन्यास लिया था, लेकिन जब वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेंगे तब पूरा भारत देश निराश होगा और उनकी उपलब्धियों को हमेशा याद रखेगा।
2. रोहित शर्मा
हिटमैन रोहित शर्मा ने वीरेंद्र सहवाग की कमी पूरी की। अगर हम यह कहें कि वो सहवाग से भी खतरनाक खेलते हैं तो इसमें कोई गलत नहीं। सहवाग ने जब क्रिकेट से संन्यास लिया तो फैंस खूब निराश हुए। उन्हें महसूस होने लगा कि उन जैसा तेजी से खेलने वाला खिलाड़ी आसानी से नहीं मिलेगा लेकिन रोहित ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से अपनी पहचान बनाकर कई लोगों के दिलों में जगह बना ली। रोहित का बल्ला जब 100 रन उगल लेता है तो उम्मीद सीधी 200 रन बनने की जाग उठती है, जो किसी अन्य बल्लेबाज को देखते हुए नहीं उठती। रोहित दुनिया के इकलाैते ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे में तीन बार दोहरा शतक ठोका है। लाजमी है कि जब रोहित संन्यास लेंगे तो भारतीय फैंस की आंखें जरूर नम होंगी क्योंकि फिर शायद ही किसी खिलाड़ी से यह उम्मीद लगे कि वो 200 रन की पारी खेलेगा और लगातार छक्कों की बरसात करेगा।
3. विराट कोहली
क्रिकेट में फिटनेस को सबसे ज्यादा महत्व कोहली ही देते हैं। उनके आने से भारतीय टीम में फिटनेस को तवज्जो दी जाने लगी। जो खिलाड़ी फिट रहेगा वो ही जगह बनाएगा। कोहली ने कप्तानी के मामले में भी उपलब्धियां हासिल की हैं। वह टेस्ट में भारत को सबसे ज्यादा जीत दिलाने वाले कप्तान बनने से धोनी से महज 2 जीत दूर हैं। विंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज होने से पहले कोहली के नाम भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर 46 मैचों में 26 जीत दर्ज हैं। वहीं कोहली शतकों का अंबार लगाने के मामले में भी सबसे आगे निकल रहे हैं। सचिन के नाम वनडे में सबसे ज्यादा 49 शतक लगाने का विश्व रिकाॅर्ड है। सचिन ने जब यह रिकाॅर्ड स्थापित किया था तो लग रहा था कि इसका टूटना मुश्किल है, लेकिन कोहली ने 239 वनडे मैचों में ही 43 शतक लगा दिए। उनके बल्ले से जब 40 रन निकल जाते हैं तो शतक की उम्मीद भी बन जाती है। रन मशीन कोहली ने हर टीम के खिलाफ रन बरसाए हैं। लाजमी है जब वनडे फाॅर्मेट का इतना बड़ा खिलाड़ी भारतीय टीम का साथ छोड़गा तो करोड़ों भारतीयों का दिल दुखेगा ही, वहीं विदेशी फैंस भी मायूस होंगे। कोहली के चाहने वाले विदेशों में भी कम नहीं हैं जो उन्हें फिटनेस कारण भी फोलो करते हैं।
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