रनों का पीछा करने वाली टीम का पलड़ा रहा भारी
ओस का असर सिर्फ दुबई के मैदान पर ही नहीं बल्कि शारजाह और अबुधाबी के मैदान पर भी नजर आया, जहां पर दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को जीत मिली। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत धीमे अंदाज में की लेकिन जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा खिलाड़ियों ने लय हासिल करते हुए अपना पहला खिताब जीत लिया।
ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बात करते हुए चैपल ने लिखा,'ऑस्ट्रेलिया ने लगभग एक दशक से ज्यादा समय तक का इंतजार करने के बाद आखिरकार अपना पहला खिताब जीत लिया है। उन्होंने अपने इस सफर के दौरान बल्लेबाजी में कमाल का प्रदर्शन किया और गेंदबाजी के उस लाइन अप के साथ उतरे जिसमें लगातार विकेट लेने की भूख नजर आयी।'
किस्मतवाले थे जो टॉस हमारे पक्ष में गिरा
इयान चैपल ने आगे बात करते हुए कहा कि हमारे लिये अच्छी बात यह रही कि जब हमें सबसे ज्यादा जरूरत थी टॉस पक्ष में गिरा। इसी का फायदा ऑस्ट्रेलिया कि टीम ने सेमीफाइनल और फाइनल में भी देखन को मिला, जहां पर कंगारू टीम ने टॉस जीतकर आसान जीत हासिल की।
उन्होंने कहा,' हमारी टीम का किस्मत ने भी खूब साथ दियाल और वहां पर टॉस जीते जहां पर सबसे ज्यादा जरूरी था। इस जीत में टॉस जीतने वाली टीम ही मैच में भी जीत हासिल करती थी। यह इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी खामी थी।'
आईसीसी का कुछ न कर पाना शर्मनाक
चैपल ने आगे बात करते हुए लिखा कि ऐसे मैचों में किसी एक टीम को इतना फायदा मिलना सही मायनों में सही नहीं है, ऐसे में मैं आईसीसी के अधिकारियों से यही निवेदन करता हूं कि खेल के इस प्रारूप के लिये टीमोंं के बीच संतुलन बनाने के लिये कुछ नये तरीके लेकर आयें ताकि ऐसे मैचों में सभी को जीत के लिये बराबरी का मौका मिल सके।
उन्होंने कहा,' बहुत सारे लोगो का मानना है कि इस प्रारूप में सभी को बराबरी का मौका देने के लिये बदलाव की दरकार है। अगर ओस की समस्या से निपटने का कोई तरीका नहीं अपनाया गया तो यह प्रारूप अपनी लोकप्रियता खो देगा। ऐसे में टी20 प्रारूप की लोकप्रियता को बरकरार रखने के लिये आईसीसी को नये उपायों पर काम करना चाहिये।'