भारत के क्लाइव लॉयड थे सौरव गांगुली
क्रिकेट कनेक्टेड में बात करते हुए श्रीकांत ने कहा कि सौरव गांगुली काफी सक्रिय थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के महान कप्तान की तरह भारत के लिये मैच विनर खिलाड़ी तैयार की जिसके चलते 2011 में हमें विश्व कप जीतने में मदद मिली।
उन्होंने कहा,'वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की क्षमता रखते थे। जैसे 1976 में क्लाइव लॉयड ने वेस्टइंडीज टीम के लिए विजयी संयोजन बनाया था। सौरव ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हें प्रेरित किया।'
गांगुली ने भारत को विदेशों में जीतना सिखाया
श्रीकांत ने सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह से टीम को तैयार किया वह काबिल ए तारीफ रहा। उन्होंने न सिर्फ टीम को तैयार किया बल्कि आक्रामक कप्तानी से भारत को विदेशी सरजमीं पर जीतने की कला भी सिखाई।
उन्होंने कहा, ‘सौरव ने टीम की कमान मुश्किल वक्त में संभाली थी और वहां से निकलकर उन्होंने कई मैच विनर खिलाड़ी तैयार किया। इसलिए गांगुली बहुत सफल कप्तान थे। उन्होंने घर पर ही नहीं विदेशी सरजमीं पर भी जीत हासिल की। उन्हीं की कप्तानी में भारत ने विदेशों में जीतना शुरू किया। गांगुली में यह काबिलियत जन्मजात थी।'
श्रीकांत को करनी चाहिये थी थोड़ी और कप्तानी
इसी शो पर श्रीकांत के साथ भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन भी मौजूद थे, जिन्होंने श्रीकांत की कप्तानी के तरीके की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने लंबे समय तक भारतीय टीम की सफल अगुवाई की।
उन्होंने कहा, ‘चीका (श्रीकांत) बहुत आक्रामक कप्तान थे। उन्होंने काफी नतीजे भी दिलाए। वह काफी सक्रिय थे। सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी ने चीका की कप्तानी में पदार्पण किया। चीका ने इतनी छोटी उम्र में सचिन को प्रोत्साहित किया जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बने। हमने कई प्रेरणादायी कप्तान देखे, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि चीका और कप्तानी कर सकते थे।'
आपको बता दें कि 1989 में श्रीकांत को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था और उन्हीं की कप्तानी में सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 1990 में पाकिस्तान दौरे पर भी भारतीय टीम की कमान संभाली थी लेकिन बल्लेबाजी में असफलताओं के कारण टीम से बाहर होना पड़ा।