धोनी-कर्स्टन नहीं चाहते थे कोहली का सेलेक्शन
वेंगसरकर ने दावा किया कि जब हमने ऑस्ट्रेलिया, भारत, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका की टीमों के साथ एक एमर्जिंग टूर्नामेंट के लिये अपनी अंडर 23 टीम में विराट कोहली को बतौर कप्तान भेजा था तो सौभाग्य से मैं वहां मैच देखने के लिये मौजूद था। विराट कोहली की बल्लेबाजी देखकर मैं काफी प्रभावित हुआ जिसके बाद मैंने कप्तान एमएस धोनी और कोच गैरी कर्स्टन से कोहली को श्रीलंका दौरे पर शामिल करने के लिये बात की। हालांकि यह दोनों ही कोहली को टीम में शामिल करने में असहज दिखाई दे रहे थे क्योंकि उन्होंने उसे खेलते हुए नहीं देखा था।
आखिर क्यों विराट का सेलेक्शन वेंगसरकर के लिये बना काल
ऐसी स्थिति बनती देखकर दिलीप वेंगसरकर ने विराट कोहली को टीम में शामिल करने के लिये धोनी और कोच गैरी कर्स्टन को मनाने की कोशिश की और उस वक्त चयन की लाइन में खड़े एस बद्रीनाथ की जगह कोहली को टीम में शामिल किया।
उन्होंने कहा,' मुझे उस वक्त यह नहीं पता था कि मेरा यह फैसला श्रीनिवासन को नागवार गुजरेगा और मेरे करियर के लिये अंत साबित होगा। मुझे पता था कि उस वक्त दक्षिण से बद्रीनाथ का नाम था जो कि उस समय आईपीएल में उनकी टीम सीएसके के लिये खेल रहा था और श्रीनिवासन को मेरा यह फैसला बिल्कुल नापसंद था।'
बद्रीनाथ की जगह कोहली को चुनने की मिली सजा
वेंगसरकर ने दावा किया कि उस मीटिंग के दौरान श्रीनिवासन ने बार-बार यह सवाल किया कि बद्रीनाथ को मौका क्यों नहीं मिल रहा और जब जवाब में मैंने कहा कि उसका भी वक्त आयेगा तो वह मुझ पर भड़क गये।
उन्होंने कहा,' श्रीलंका टूर के लिये जब बद्रीनाथ की जगह टीम में विराट कोहली को जगह दी गई तो श्रीनिवासन मुझ पर भड़क गये और कहा कि उसका सेलेक्शन क्यों नहीं हुआ। मैंने कहा कि ऐमर्जिंग टूर्नामेंट के दौरान हमने विराट कोहली की बल्लेबाजी देखी है और वह कमाल खेलता है। इस वजह से उसे मौका दिया गया और बद्रीनाथ का भी वक्त आयेगा।'
श्रीकांत को मेरी जगह बिठाकर खत्म किया करियर
वेंगसरकर ने बताया कि मेरी यह बात सुनकर श्रीनिवासन मुझ पर भड़क गये और बोले कि मतलब जब तक बद्रीनाथ का समय आयेगा तब तक वो 29 साल का हो जायेगा। उन्होंने दावा किया कि इस घटना के कुछ दिन बाद ही के श्रीकांत को उनकी जगह मुख्य चयनकर्ता के रूप में चुन लिया गया और मुझे घर भेज दिया गया। यह बतौर चयनकर्ता मेरे करियर का अंत था।