अभिमन्यु ने बताया दबाव में अहम पारी खेलने का राज
माईखेल हिंदी को दिये एक इंटरव्यू के दौरान जब अभिमन्यु से दबाव के मौकों पर अहम पारी खेलने के राज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए बताया कि इसको लेकर आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा,' जब कभी भी बल्लेबाज के सामने दबाव भरी परिस्थिति हो तो उसे बस यह दिमाग में रखना चाहिये कि उसे टीम में अपने आपको साबित करने के लिये खेलना है और टीम उस पर इस बात का भरोसा जता सकती है कि वह उसे ऐसी परिस्थितियों से बाहर निकाल सकता है। जब आप खुद पर इस तरह का भरोसा जता कर अपना नैचुरल गेम खेलते हैं तो आप करिश्माई पारी खेलते हैं।
घरेलू क्रिकेट में कई बार खेल चुके हैं दबाव में अहम पारी
आपको बता दें कि साल 2013 में अभिमन्यु ने बंगाल के लिये अपना रणजी डेब्यू किया था। जहां पर पहले 2 मैच में वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाये थे लेकिन रेलवे के खिलाफ अपने तीसरे ही मैच में जब वो क्वार्टरफाइनलस खेलने उतरे तो बंगाल की स्थिति काफी खराब थी। बंगाल की टीम ने महज 3 रन पर 2 विकेट खो दिये थे। यहां से अभिमन्यु ने चौथे विकेट के लिये 163 रनों की साझेदारी करते हुए 75 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी टीम को मैच जिताकर 2006 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचाया।
इस बारे में बात करते हुए अभिमन्यु ने कहा कि वह उनके मिले मौके को सही साबित करना चाहते थे और टीम की ओर से उन पर जताये गये भरोसे पर खरा उतरना चाहते थे। उनकी इसी सोच ने उन्हें प्रेरित किया और वह अच्छा खेल सके।
मिट सकता है भारतीय टीम का 7 साल का सूखा
गौरतलब है कि 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल हो या फिर 2019 विश्व कप सेमीफाइनल, जब भी भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर असफल रहा है तो वहीं पर मध्यक्रम दबाव में आ गया है और टीम को हार का सामना करना पड़ा है। दोनों ही मौकों पर भारतीय टीम ने जल्दी अपने विकेट खो दिये थे। गौरतलब है कि अभिमन्यु ने अपनी टीम के लिये घरेलू क्रिकेट में कई बार ऐसी करिश्माई पारी खेलकर टीम को जीत दिलाने का काम किया है।
उल्लेखनीय है कि अभिमन्यु की यह सीख भारतीय टीम के खिलाड़ियों को भी रास आये और पिछले 7 सालों से आईसीसी में चला आ रहा सूखा जल्द मिट सके।