नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लोगों का जीवन जीने का तरीका बदल चुका है। लोग एक-दूसरे से डिस्टेंस बना रहे हैं तथा हाथ मिलाने से भी कतरा रहे हैं। कोरोना का प्रभाव खेल जगत पर भी पड़ा है। आईसीसी की क्रिकेट समिति ने इस महामारी के बाद खेल शुरू होने पर गेंद चमकाने के लिए सलाइवा के इस्तेमाल को बंद करने की सिफारिश की है ताकि संक्रमण को रोका जा सके। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस का मानना है कि इस बदलाव का आदी होना बेहद मुश्किल है। डु प्लेसिस का कहना है कि वह हर गेंद से पहले फील्डिंग के लिए तैयार होने के लिए अपने हाथ पर थूंकते हैं। ऐसा करने वाले सिर्फ डु प्लेसिस नहीं हैं। दुनिया का लगभग हर फील्डर ऐसा करता है ताकि गेंद उसके हाथों में आसानी से चिपक सके।
डु प्लेसिस ने स्टार स्पोटर्स के एक शो पर कहा कि मैं स्लिप पर जब खड़ा होता हूं तो कैच लेने के लिए तैयार होने से पहले मैं अपने हाथ पर थूंकता हूं। अगर आप रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी को देखेंगे तो वह हर गेंद से पहले अपने हाथ पर इसी तरह थूंकते थे। बता दें कि बीते शुक्रवार को ही इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने क्रिकेट बहाली के लिए नए नियम और गाइडलाइंस जारी कर दी है।
चेतेश्वर पुजारा को आउट करने का तरीका ढूंढ रहा है ये ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज
आईसीसी ने शुक्रवार को अपने दिशानिर्देशों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति और 14 दिन तक अलग थलग अभ्यास शिविर लगाने की सिफारिश की। आईसीसी ने दुनिया भर में क्रिकेट की बहाली के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए और साथ ही उच्च सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने पर भी ध्यान दिया। आईसीसी ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी या जैव सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति पर विचार करें जो सरकारी दिशानिर्देशों तथा अभ्यास और प्रतियोगिता की बहाली के लिए जैव सुरक्षा योजना लागू करने के लिए जिम्मेदार होगा।