नई दिल्ली। माैजूदा समय वनडे और टी20 क्रिकेट सबसे चर्चित रहता है, लेकिन रेस में टी10 क्रिकेट भी है जो अपने पैर पसार चुका है। टी10 क्रिकेट में भी बल्लेबाजों को खूब रन बरसाते देखा जा सकता है। यही कारण है कि अब फाफ डु प्लेसिस को लगता है कि क्रिकेट का सबसे छोटा प्रारूप टी10 ओलंपिक में भी फिट करना चाहिए है। ओलंपिक में क्रिकेट खेले जाने का एकमात्र उदाहरण 1900 में पेरिस ओलंपिक का है, जहां ग्रेट ब्रिटेन ने फ्रांस को एकमात्र मैच में हराया था।
क्रिकेट को ओलंपिक में ले जाने की मांगें उठ रही हैं। आईसीसी की नजर लॉस एंजिल्स में 2028 के खेलों पर है। इस बीच, डु प्लेसिस ने कहा कि खेल के सभी तीन पारंपरिक प्रारूपों टेस्ट, एकदिवसीय और टी20आई खेलने के बाद भी अभी भी टी10 प्रारूप के लिए आकर्षित हैं।" डु प्लेसिस जल्द ही अबू धाबी टी10 लीग में बांग्ला टाइगर्स के लिए खेलते दिखेंगे। डु प्लेसिस ने मिरर डॉट को डॉट यूके के हवाले से कहा, "मेरा मानना है कि मेरे जैसे खिलाड़ी इस तरह के टूर्नामेंटों को देखते रहेंगे। मुझे लगता है कि टी10 का भविष्य अच्छा है। यह एक ऐसा प्रारूप है जिसका इस्तेमाल ओलंपिक में किया जा सकता है। टी10 में तेजी से खेलते हैं जो फैंस के लिए आकर्षक बनता है। मुझे लगता है कि T10 केवल बेहतर और बेहतर होने वाला है।"
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वहीं आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का कहना है कि यह खेल ओलंपिक खेलों के लिए सही साबित होगा। उन्होंने कहा, "विश्व स्तर पर हमारे एक अरब से अधिक प्रशंसक हैं और उनमें से लगभग 90 प्रतिशत लोग ओलंपिक में क्रिकेट देखना चाहते हैं। हम क्रिकेट के भविष्य को ओलंपिक में देखते हैं। स्पष्ट रूप से क्रिकेट का एक मजबूत और भावुक प्रशंसक आधार है, विशेष रूप से साउथ एशिया में जहां हमारे 92% प्रशंसक आते हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में भी 30 मिलियन क्रिकेट प्रशंसक हैं। उन प्रशंसकों के लिए ओलंपिक में इसे लाना बेहतर होगा। "