नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट शुरु हो चुका है वहीं इसकी शुरुआत एक खास आंदोलन के साथ हुआ। हाल ही में एक एफ्रो-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों हुई मौत के बाद दुनिया भर में अश्वेतों के खिलाफ हो रहे जुर्म के खिलाफ 'ब्लैक लाइव्स मैटर' का आंदोलन शुरु हो गया है। इस आंदोलन के समर्थन में फुटबॉल से लेकर क्रिकेट जगत के खिलाड़ियों ने अपना समर्थन किया। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच शुरु हुई सीरीज में भी खिलाड़ियों ने घुटने के बल बैठकर इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
वहीं इस आंदोलन को साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी एंगिडी ने भी अपना समर्थन देते हुए सभी खिलाड़ियों को साथ खड़े होने की बात की जिसके बाद उन्हीं की टीम के कुछ खिलाड़ियों ने उनकी आलोचना की। हालांकि अब इस मुद्दे पर साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज फाफ डुप्लेसिस ने भी अपनी राय रखते हुए इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
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क्रिकेट में नस्लवाद के खिलाफ बात करते हुए फॉफ डुप्लेसिस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा कि किसी की भी जिंदगी तब तक मायने नहीं रखती जब तक कि अश्वेतों का जीवन मायने नहीं रखता। डुप्लेसिस का मानना है कि अब नस्लवाद से लड़ने का समय आ गया है।
उन्होंने लिखा, 'पिछले दो महीनों में मुझे यह महसूस हुआ कि हमें यह तय करना होगा कि हमें किससे लड़ना है। हम अपने देश में कई तरह के अन्याय से घिरे हुए हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने और उन्हें ठीक करने की जरूरत है। मैं मानता हूं कि दक्षिण अफ्रीका अब भी नस्लवाद के कारण बंटा हुआ है और यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इसके समाधान का हिस्सा बनूं। '
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गौरतलब है कि डुप्लेसिस ने अपने पिछले रवैये के विपरीत बयान दिया है जिसमें उन्होंने पहले नस्लवाद पर बात करने से इंकार कर दिया था।
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में जब टेम्बा बावुमा को टीम से बाहर करने पर विवाद हुआ था तो उन्होंने कहा था कि मैनेजमेंट रंग देखकर खिलाड़ी का चयन नहीं करती। हालांकि फिलहाल डुप्लेसिस ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' अभियान को अपना पूरा समर्थन दिया है।