अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिये खतरा बनेगी टी20 लीग
उन्होंने कहा,' अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए टी20 लीग एक बहुत बड़ा खतरा है। यह बिल्कुल साफ है कि साल दर साल लीग की ताकत बढ़ती जा रही है। एक समय था जब दुनिया भर में सिर्फ 2 ही लीग हुआ करती थी लेकिन आज नजर डालें तो यह हर साल (4,5,6,7...) बढ़ती जा रही है। मुझे लगता है कि भविष्य के बारे में सोचते हुए हमें इस बारे में ध्यान देना होगा की T20 लीग और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट दोनों का अस्तित्व कैसे एक साथ बनाए रखा जा सकता है क्योंकि आगे बढ़ते हुए अगर T20 लीग एक चयन का विषय हो गया तो यह मुद्दा वाकई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए बहुत बड़ा खतरा बनने वाला है।'
10 सालों में फुटबॉल जैसा अंजाम होगा क्रिकेट का
इतना ही नहीं डुप्लेसिस का मानना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले 10 सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अंजाम भी फुटबॉल की तरह होगा जहां पर टीमें अंतरराष्ट्रीय मैचों से ज्यादा फुटबॉल लीग में खेलती नजर आती हैं।
उन्होंने कहा ,'यह बहुत बड़ी चुनौती होने वाला है और मुझे लगता है कि आने वाले 10 सालों में क्रिकेट का अंजाम भी फुटबॉल की तरह ही होगा। जहां पर आप वैश्विक इवेंट्स के बीच में सिर्फ इन फुटबॉल लीग्स को ही देखते हैं और कोई भी खिलाड़ी दुनिया में कहीं भी खेल सकता है। अगर मैं खुद की बात करूं तो अगर मुझ जैसा कोई भी खिलाड़ी दो, तीन या चार T20 लीग में खेलता है तो वह अपने भविष्य को लेकर कुछ भी नहीं बता सकता। मुझ जैसे कई और भी खिलाड़ी है जो T20 लीग में खेलते रहना चाहते हैं।'
वेस्टइंडीज के बाद साउथ अफ्रीका भी झेलेगा टी20 लीग के दुष्परिणाम
डु प्लेसिस ने वेस्टइंडीज की टीम के बारे में बात करते हुए कहा के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कैरेबियाई टीम वह पहली टीम है जिसने अपने सभी खिलाड़ियों को इन T20 लीग में जाकर खेलने की आजादी दी है जिसके चलते उन्हें अपने कई सारे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी खोना पड़ा है। मुझे लगता है कि जल्दी यह साउथ अफ्रीका की टीम में भी देखने को मिलेगा।