अनफेयर प्ले के अंदर आता है फेक फील्डिंग का नियम
ऐसे में सवाल उठता है किया आईसीसी ने फेक फील्डिंग को लेकर कोई नियम नहीं बनाये हैं जिसकी वजह से यह घटना देखने को मिली है। मैरीलिबोन क्रिकेट क्लब के क्रिकेट नियम 41.5.1 के अनुसार मैदान पर किसी भी फील्डर की ओर से शब्दों या अपने एक्शन से बल्लेबाज को भटकाने, धोखा देने या फिर रन लेने के दौरान बाधा उत्पन्न करना गलत है। स्ट्राइकर एंड पर भाग रहे खिलाड़ी को जानबूझ कर भटकाने की कोशिश करना भी अनफेयर प्ले के अंतर्गत ही आता है।
आईसीसी के क्लॉज 41 के तहत यह नियम सभी टेस्ट, वनडे और टी20 मैचों में लागू होता है और इस पर सभी खिलाड़ियों और सहायक सदस्यों पर कार्रवाई की जा सकती है।
जानें क्या होती है सजा
गौरतलब है कि अगर किसी खिलाड़ी को फेक फील्डिंग का दोषी पाया जाता है तो मैदानी अंपायर इस गेंद को डेड घोषित कर देता है और ऐसा करने वाली टीम पर 5 रन का जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही ऐसा करने वाले खिलाड़ी के खाते में एक डिमेरिट अंक जोड़ने का भी प्रावधान है। हालांकि ऐसा करने के लिये सामने वाली टीम को आपत्ति जतानी होती है। रविवार को हुए मैच में फखर जमान ने आउट होने के बाद अपनी आपत्ति नहीं जताई जिसके चलते ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और वो 193 रन के स्कोर पर वापस पवेलियन लौट गये।
पहले भी घट चुकी है फेक फील्डिंग की घटनायें
आपको बता दें कि क्रिकेट इतिहास में इस तरह की घटनायें पहले भी घट चुकी हैं। 2019 में हुई एशेज सीरीज के 5वें टेस्ट मैच में जॉनी बेयरस्टो ने गेंद नहीं होने के बावजूद फेक रन आउट करने की कोशिश की जिसके चलते स्मिथ ने डाइव लगा दी। हालांकि मैदानी अंपायर्स माराइस एरॉसमस और कुमार धर्मसेना ने ऑस्ट्रेलिया के खाते में इसको लेकर 5 एक्स्ट्रा रन नहीं दिये। वहीं 2015 में श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगाकारा ने भी पाकिस्तान के अहमद शहजाद के खिलाफ कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी लेकिन तब तब फेक फील्डिंग आईसीसी के नियमों में शुमार नहीं था। 2017 में ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशाने को जेएलटी कप के दौरान फेक फील्डिंग करने की कोशिश में दंडित किया गया था।
आपको बता दें कि इस नियम की सबसे बड़ी मुश्किल बात यह है कि फेक फील्डिंग में फील्डर की भावना को तय करना मैदानी अंपायर्स के हाथ में है कि उसने यह चीज जानबूझ कर की है या फिर आवेश में हो सकी। इसके चलते इस नियम पर अक्सर विवाद देखने को मिलता है।