Famers Protest Sachin Tendulkar Slams Rihanna Greta Thunberg tweets says be spectators but not participants: नई दिल्ली। भारत में लगभग 70 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर अमेरिकन पॉप सिंगर रिहाना (Rihanna) और जलवाय परिवर्तन एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट किये जाने के बाद से भारतीय राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। जहां एक ओर इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आने में देश के लिये निराशाजनक बता रहे हैं तो वहीं पर दूसरी ओर लोग इसे सिर्फ भारत को बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। इस मुद्दे पर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, अजय देवगन, फिल्मकार करण जौहर, सुनील शेट्टी और क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा तक अपनी राय रख चुके हैं जिसके बाद क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए साफ किया है कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है जिसमें बाहरी लोगों को बोलने का अधिकार नहीं है।
भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मुद्दा कोई भी भारत की संप्रभुता और अखंडता से समझौता नहीं किया जा सकता।
उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'भारत की संप्रभुता और एकता से समझौता नहीं किया जा सकता। बाहरी लोग सिर्फ इन मुद्दों पर दर्शक बन सकते हैं लेकिन इस पर बोलने और भाग लेने का अधिकार नहीं है। भारत के लोग इस बात को जानते हैं कि भारतीयों के लिये उन्हें ही फैसला लेना है। एक राष्ट्र के रूप में आइये एकजुट रहें।'
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने इस ट्वीट के साथ इंडिया टूगेदर (India Together) और इंडिया अगेन्सट प्रोपेगैंडा (India Against Propaganda) का हैशटैग भी इस्तेमाल किया। उल्लेखनीय है कि अमेरिकन पॉप सिंगर रिहाना (Rihanna) ने मंगलवार को एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने सीएनएन की एक रिपोर्ट शेयर की थी जिसमें दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवायें बंद की गई थी और लिखा था कि हम इस पर क्यों नहीं बात कर रहे हैं।
रिहाना (Rihanna) के इस ट्वीट के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के कुछ हिस्सों में किसानों के एक छोटे से हिस्से को कृषि कानूनों को लेकर आपत्ति हैं, ऐसे में आंदोलन पर जल्दबाजी में टिप्पणी करने से पहले मुद्दे को समझे जाने की जरूरत है।
वहीं बॉलीवुड कलाकारों ने भी इसको लेकर सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि जब लोग आधी अधूरी जानकारी के दम पर टिप्पणी करते हैं तो मतभेद पैदा होते हैं। ऐसे में उन बातों पर ध्यान देने के बजाय मुद्दे को सुलझाने के लिये सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों पर ध्यान देना चाहिये।