नई दिल्ली। किसी भी क्रिकेटर के लिए सबसे बुरी बात यह रहती है जब वो रन भी बरसा रहा हो, विकेट भी ले रहा हो पर फिर भी उसे राष्ट्रीय टीम में जगह ना मिले। घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ी इसलिए पसीना बहाते हैं ताकि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाकर देश का नाम राैशन किया जाए, लेकिन पाकिस्तान के क्रिकेटर फवाद आलम की कहानी बिल्कुल इससे उल्टी है। फवाद ने रन भी बरसाए। उन्हें जब माैका मिला तो शतक भी लगाए लेकिन बिना किसी वजह उन्हें बाहर कर दिया गया। हालांकि इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने अब भी वापसी की उम्मीद जताई है।
इस बल्लेबाज ने जियो न्यूज के साथ बातचीत के दौरान कहा, "स्वाभाविक रूप से यह ठेस पहुंचाता है। लेकिन, मैं उम्मीद नहीं खो रहा हूं। आशा है कि मैं आगे भी क्रिकेट से लगाव रखता रहूं। मैं कोई बड़ा स्टार खिलाड़ी नहीं हूं जो पीसीबी या चयनकर्ताओं से सवाल करूं कि मुझे चुना जाए, लेकिन जब भी मैंने अपने सहयोगियों से बात की है तो मुझे बाहर रखने के लिए कोई विशेष कारण नहीं मिला है।"
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फवाद को 12 जुलाई को 2009 को डेब्यू करने का माैका मिला था। उन्होने खेले 3 टेस्ट मैचों में 250 रन बनाए, जिसमें 168 रनों की पारी भी शामिल है। इसके अलावा 38 वनडे मैच भी उन्होंने खेले, जिसमें 40.25 की शानदार एवरेज से 966 रन बनाए जिसमें 1 शतक के साथ 6 अर्धशतक भी शामिल हैं। वहीं 24 टी20 मैच भी खेले हैं। फवाद ने अपना आखिरी मैच वनडे के रूप में 22 अप्रैल 2015 को बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। इसके बाद उन्हें टीम में खेलने का माैका नहीं मिला।
बता दें कि फवाद ने घरेलू क्रिकेट में जारी कायद-ए-आजम ट्रॉफी में सिंध के लिए खेलते हुए टूर्नामेंट के 26वें मुकाबले में पश्चिमी पंजाब के खिलाफ 309 गेंदों का सामना करते हुए 211 रन बनाए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की पारी में 25 चौके आए। उन्होंने पाकिस्तान टीम की कप्तानी गंवा चुके सरफराज अहमद के साथ पांचवें विकेट के लिए 278 रन की साझेदारी भी की। यह मैच ड्रा रहा।