नई दिल्लीः फरवरी से लेकर अब तक भारतीय टीम का कोई मैच नहीं हुआ है और इसका असर अब बीसीसीआई पर दिखना शुरू हो गया है। इस समय बीसीसीआई के लिए एकमात्र राहत की बात आईपीएल है जो यूएई में बायो-बबल वातावरण में खाली स्टेडियमों के बीच खेला जा रहा है।
कोविड आउटब्रेक के बाद पहली बार अपनी कमर कसते हुए दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड ने तय किया है कि वो नेशनल क्रिकेट अकादमी के 11 कोचों को सालाना कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं करेगा। इन 11 कोचों में पांच रिटायर्ड भारतीय खिलाड़ी हैं- रमेश पोवार, एसएस दास, ऋषिकेश कानितकर, सुभ्रतो बेनर्जी और सुजीत सोमसुंदर।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीए के क्रिकेट हेड राहुल द्रविड़ ने पिछले हफ्ते ही संबंधित लोगों को इस बारे में जानकारी दे दी थी। जिन लोगों को छोड़ने के लिए कहा गया है उनमें घरेलू दिग्गज सितांशु कोटक भी शामिल हैं।
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इन 11 कोचों को 30 से 55 लाख रुपए के बीच में सैलरी मिलती थी और इसी महीने इनका अनुबंध समाप्त हो रहा है। और इनमें से 5 कोचों ने इंडियंन एक्सप्रेस को बताया है कि इस फैसले को लेने से पहले उन लोगों से कोई बात नहीं की गई, किसी तरह का कोई अलर्ट भी नहीं किया गया है।
अभी इस बारे में राहुल द्रविड़, बोर्ड सचिव जय शाह और अध्यक्ष सौरव गांगुली की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
"हमें दो दिन पहले राहुल (द्रविड़) का फोन आया और उसने हमें सूचित किया कि बीसीसीआई ने हमारे अनुबंध को नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया है। हमें कोई वास्तविक कारण नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमें बनाए रखने की पूरी कोशिश की लेकिन वह आगे कुछ नहीं कर पाए। पिछले तीन महीनों से, हम कोविद -19 के बाद वेबिनार और नियोजन गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। अब अचानक, हमें बताया गया है कि हमारी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं है, "एक कोच ने कहा।
बता दें कि एनसीए में क्रिकेट गतिविधियां मार्च से ही रुकी हुई हैं, हालांकि इस महीने की शुरुआत में बीसीसीआई ने अपने अनुबंधित खिलाड़ियों को एनसीए में आकर ट्रेनिंग करने को लेकर विकल्प दिया था। इन सभी कोचों की नियुक्ति द्रविड़ की सिफारिश पर सीओए ने 2019 में की थी।