नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट इतिहास की बात करें तो ज्यादातर फैन्स ने सीके नायडू, लाला अमरनाथ का नाम सुना होगा लेकिन रणजी ट्रॉफी में पहली बार हैट्रिक चटकाने वाले गेंदबाज बका जिलानी के बारे में बेहद कम लोग जानते हैं। बका जिलानी के नाम से भारतीय फैन्स इसलिये भी अंजान है क्योंकि जिस उम्र में यह खिलाड़ी अपने नाम की चमक बिखेरने वाला था उस उम्र में इस खिलाड़ी की मौत हो गई थी। 20 जुलाई 1911 को पंजाब के जुलुंधर (जालंधर) में जन्में बका ने अपने 30वें जन्मदिन से ठीक 18 दिन पहले एक हादसे में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
भारतीय टीम के लिये बका ने महज एक ही टेस्ट मैच खेला था जो कि 1936 में द ओवल के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। हालांकि इस दौरान उन्होंने 31 फर्स्ट क्लास मैचों में शिरकत की और इस दौरान 83 विकेट झटके। इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान 928 रन बनाये। इतना ही नहीं बका रणजी ट्रॉफी में पहली हैट्रिक चटकाने वाले गेंदबाज भी थे।
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भारतीय टीम के पहले ऑलराउंडर की बात की जाये तो बका टीम इंडिया के पहले हरफनमौला खिलाड़ी थे। बका ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में 110 रनों की सर्वोच्च पारी खेली थी तो वहीं गेंदबाजी में उनका बेस्ट 31/7 रहा। इस दौरान उन्होंने एक मैच में 10 विकेट चटकाने का कारनामा भी किया था।
बका ने अपने पहले ही फर्स्ट क्लास मैच में विपक्षी टीम पर कहर बरसाते हुए 12 विकेट हासिल किये थे। साल 1934-1935 में नॉर्दर्न इंडिया की तरफ से खेलते हुए बका जिलानी ने साउथर्न पंजाब के खिलाफ खेलते हुए सेमीफाइनल मैच में पहली हैट्रिक लेने का कारनामा किया था। इस मैच में पंजाब की टीम महज 22 रन पर ही आउट हो गई जो कि रणजी ट्रॉफी में किसी भी टीम की ओर से बनाया गया सबसे न्यूनतम स्कोर का यह रिकॉर्ड है जो कि करीब 76 सालों तक बरकरार रहा।
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गौरतलब है कि साल 1941 में बका के जन्मदिन से ठीक 18 दिन पहले उनकी मौत की खबर आई। खबरों के अनुसार उन्हें मिर्गी का दौरा आया जिसकी वजह से उनका संतुलन बिगड़ गया था और वह अपने घर की बालकनी से नीचे गिर गए थे। वह अमर सिंह के बाद सबसे कम उम्र में दुनिया छोड़ने वाले दूसरे भारतीय क्रिकेटर थे।
अमर सिंह ने 21 मई 1940 को दुनिया छोड़ दी थी, हालांकि बका के बारे में कहा जाता है कि वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की। हालांकि इंग्लैंड दौरे पर बका के अजीब व्यवहार को लेकर कोटा रामास्वामी ने लिखा भी था। उनके अनुसार बका हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे थे। उन्हें नींद में चलने की आदत थी। वह हिंसक हो जाते थे। कोई भी नहीं कह सकता था कि वह कब नॉर्मल होंगे।