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5 मौके जब क्रिकेट में बॉलर बने ओपनिंग बल्लेबाज, दो बार टीम को जीत भी दिलाई

नई दिल्ली: पहले के मुकाबले क्रिकेट के पारंपरिक स्वरूप में एक बड़ा बदलाव पुच्छले बल्लेबाजों की तकनीक में गुणवत्तापूर्ण सुधार के तौर पर हुआ है। अब निचले क्रम का बैटिंग ऑर्डर आउट होने से पहले गेंदबाजों को जितना संभव हो सके छकाने में यकीन रखता है और टीम के लिए कुछ बोनस रन भी जोड़ता है। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। कुछ अच्छे गेंदबाजों के सामने कई बार निचला क्रम ताश के पत्तों की ढह जाता था।

जब-जब पुच्छले बने ओपनर

जब-जब पुच्छले बने ओपनर

ऐसे में अगर हम आपको बताए कि इस तरह के मौके भी आए जब पुच्छले बल्लेबाज बाकायदा बैटिंग में ओपनर भी बनकर आए तो यह एक दिलचस्प बात होगी। हम आज ऐसे पांच मौकों के बारे में बात करेंगे जब निचले क्रम के गेंदबाजों ने ओपनिंग की और दो दफा तो टीम को जीत भी दिला दी-

5. इकबाल सिद्दकी ने इंग्लैंड के खिलाफ 2001 में की ओपनिंग-

5. इकबाल सिद्दकी ने इंग्लैंड के खिलाफ 2001 में की ओपनिंग-

महाराष्ट्र के तेज गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी को इंग्लैंड के खिलाफ 2001 के मोहाली टेस्ट मैच के दौरान टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला। मोहाली का विकेट तेज गेंदबाजी के हिसाब का माना जाता रहा था लेकिन इस मैच में यह स्पिनर्स की मदद कर रहा था। घर पर रहना फिट ना होने का बहाना नहीं- रोहित शर्मा ने शेयर की पोस्ट सिद्दीकी ने दोनों पारियों में केवल 19 ओवर फेंके और एक विकेट लेने में सफल रहे। टेस्ट में उनका बड़ा योगदान बल्ले के साथ था क्योंकि उन्होंने नंबर 10 पर बल्लेबाजी करने के लिए आने के बाद तेजी से 24 रन बनाए। इस मैच में भारत ने अपनी बढ़त को 231 तक बढ़ाया और बाद में केवल 235 रनों पर इंग्लैंड को आउट किया। 5 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, पहली पारी के शतकवीर दीप दासगुप्ता ने शिव सुंदर दास की जगह सिद्दीकी के साथ बल्लेबाजी की। मैथ्यू होगार्ड की पारी की पहली ही गेंद का सामना करने वाले सिद्दीकी ने एक चौका लगाया और छक्का लगाकर मैच को समेट दिया।

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4. जैक लीच ने पेश किया आधुनिक क्रिकेट में उदाहरण-

4. जैक लीच ने पेश किया आधुनिक क्रिकेट में उदाहरण-

इंग्लैंड के जैक लीच हालिया समय के पुच्छले हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की ओपनिंग की। अब तक, लीच ने खेले गए 10 टेस्ट मैचों में से 18 पारियों में बल्लेबाजी की। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 15 मौकों पर नंबर 10 या नंबर 11 पर बल्लेबाजी की है लेकिन दो मौके ऐसे भी आए हैं जब यह खिलाड़ी ओपनिंग करने उतर गया। 2018 के अंत में श्रीलंका के खिलाफ पल्लेकेले टेस्ट के दौरान उन्होंने पहली बार ओपनिंग की। इंग्लैंड को उस दौरान शाम के समय केवल एक ओवर खेलना था। आयरलैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के आखिरी दिन के दौरान स्टंप्स से पहले इंग्लैंड को एक बार फिर से एक ओवर खेलने की जरूरत थी और तब लीच ने फिर से ओपनिंग की।

3. साउथ अफ्रीका के मोर्नी मोर्कल

3. साउथ अफ्रीका के मोर्नी मोर्कल

मोर्ने मोर्कल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2009 के सिडनी टेस्ट के दौरान ओपनिंग का अनुभव किया। मोर्ने ने 86 टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी की और 104 पारियों में बल्लेबाजी की, लेकिन 2009 के एससीजी टेस्ट की दूसरी पारी एकमात्र ऐसा उदाहरण थी जब उन्होंने निचले क्रम से ऊपर उठकर बैटिंग की। मोर्कल के बल्लेबाजी ओपनिंग का कारण उनके कप्तान और नियमित सलामी बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ का बायां हाथ था। स्मिथ को पहली पारी में 30 रन बनाने के बाद चोटिल होना पड़ा। मोर्कल ने इस क्रम में आते हुए मध्य क्रम के बल्लेबाजों को अपनी नियमित स्थिति में बल्लेबाजी करने में मदद की। हालांकि वे केवल 2 गेंद ही झेल सके थे।

2. डैनी मॉरिसन और माइकल सेडन जोड़ी में उतरे

2. डैनी मॉरिसन और माइकल सेडन जोड़ी में उतरे

टेस्ट क्रिकेट में अक्सर ऐसा नहीं होता कि जो खिलाड़ी नंबर 10 और 11 पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे वही पारी की बैटिंग में शुरुआत करे। हालांकि, न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ 1990 के क्राइस्टचर्च टेस्ट मैच के दौरान एक ऐसा उदाहरण बनाया। कौन है आज के दौर का बेस्ट ऑफ स्पिनर- लियोन या अश्विन, ब्रैड हॉग ने दिया ये जवाब पहली पारी के दौरान, माइकल सेडन ने मेजबान टीम के लिए नंबर 10 पर बल्लेबाजी की, जबकि डैनी मॉरिसन ने नंबर 11 पर बल्लेबाजी की। लेकिन हुआ यह है कि इस मुकाबले को जीतने के लिए कीवी टीम को केवल 2 रनों का टारगेट मिला था ऐसे में, पहली पारी में न्यूजीलैंड की नंबर 10 और नंबर 11 जोड़ी से शुरुआत हुई। यह सेडोन और मॉरिसन दोनों के लिए एक टेस्ट पारी में बल्लेबाजी खोलने का एकमात्र उदाहरण बन गया। बता दें दोनों ने टीम को जीत भी दिलाई।

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1. ब्रेडमैन की कमान में नंबर 10 और 11 बने ओपनर

1. ब्रेडमैन की कमान में नंबर 10 और 11 बने ओपनर

1936-37 एशेज श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया दो मैचों की समाप्ति के बाद 0-2 से पीछे था। नए साल के दिन शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट के पहले दो दिन बारिश से प्रभावित थे। बाद में एक मौका देखते हुए, सर डॉन ब्रैडमैन ने 200/9 पर पारी घोषित की। इसके कारण इंग्लैंड ने कठिन परिस्थितियों में बल्लेबाजी की और उन्हें 76/9 की कगार पर धकेल दिया गया। मजेदार बात यह रही कि इंग्लैंड के कप्तान सर गुब्बी एलन ने ब्रैडमैन की तरह सोचा और दिन में 45 मिनट बाकी रहते हुए पारी घोषित कर दी। ऐसे में डॉन ब्रैडमैन ने अपने मुख्य बल्लेबाजों की सुरक्षा के लिए अपने बल्लेबाजी क्रम को उलटने का फैसला किया। इस प्रक्रिया में, ऑस्ट्रेलिया ने पहले तीन स्थानों पर अपने निचले तीन को भेजा। इसके कारण नंबर 10 और नंबर 11 के बल्लेबाज बिल ओ'रेली और चक फ्लीटवुड-स्मिथ ने पारी की शुरुआत की।

Story first published: Wednesday, August 19, 2020, 17:59 [IST]
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