1. विजय शंकर
इस ऑलराउंडर ने जिस अंदाज में टीम में इंट्री मारी थी उसे देख कहा जाने लगा कि वो लंबी रेस के घोड़े साबित होंगे। 28 साल विजय को 6 मार्च 2018 को श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू करने का माैका मिला था। उन्होंने इस मुकाबले में 2 ओवर में 15 रन दिए। उन्हें फिर 18 जनवरी 2019 में वनडे टीम में भी शामिल कर लिया। यह बहुत बड़ा फैसला था, क्योंकि चयनकर्ताओं ने अंबाती रायडू को नजरअंदाज करते हुए इंटरनेशनल स्तर पर कम अनुभवी वाले खिलाड़ी को चुना था। वो भी इंग्लैंड में होने वाले आईसीसी विश्व कप को ध्यान में रखते हुए। रायडू की किस्मत ऐसी चमकी की कुछ ही मैच खेलकर विश्व कप का हिस्सा बन गए। विजय के कारण अंबाती रायडू का पत्ता साफ हुआ जो खेलने के दावेदार भी थे। चयनकर्ताओं ने विजय को यह कहते हुए चुना था कि वो थ्री 'D' प्लेयर हैं। यानी कि वो बल्ले से भी, गेंद से भी और फील्डिंग में भी बेहतर हैं, लेकिन विश्व कप दाैरान चयनकर्ताओं का ये दांव फेल हो गया। विजय ने विश्व कप में 3 मैच खेले और चोट के कारण बाहर हो गए।
विजय का 27 जून 2019 को विंडीज के खिलाफ हुए मैच में अंगूठा फ्रैक्टर हो गया था। यह मैच फिर विजय के लिए अंतिम मैच साबित हो गया। टीम के पास फिर एक आलराउंडर की कमी खल गई। इस कमी को पूरा करने के लिए किस्मत खुली ऑलराउंडर शिवम दुबे की। टीम दुबे को बांग्लादेश के खिलाफ नंबवर में हुई टी20 सीरीज के लिए चुना गया। तब से लेकर अबतक दुबे टीम में सभी विभागों में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। पिछले साल 8 दिसंबर को विंडीज के खिलाफ एक टी20 मैच में दुबे ने 30 गेंजों में 54 रन ठोक दिए थे। ये खिलाड़ी नंबर के अलावा नंबर सात पर खेलने का दावा रखता है। ऐसे में विजय के लिए दुबे के कारण टीम में वापसी करना बेहद मुश्किल भरा काम हो गया है।
2. दिनेश कार्तिक
महेंद्र सिंह धोनी टीम से बाहर चले लगे तो साै प्रतिशत उम्मीदें जागीं कि अब कुछ वर्षों तक दिनेश कार्तिक को बताैर विकेटकीपर आजमाया जाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि धोनी के कारण ही कार्तिक अंतरराष्ट्रीय मैचों का ज्यादातर हिस्सा नहीं रह सके। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने साल 2004 में डेब्यू किया था लेकिन अबतक 26 टेस्ट, 94 वनडे व 32 टी20 मैच ही खेल सके हैं। कार्तिक को जब भी माैका मिला उन्होंने खुद को साबित किया। गबज विकेटकीपिंग के साथ कई ऐसे बड़े मैच जितवाए जो भारत लगभग हार चुका था। 18 मार्च 2018 का वो दिन काैन भूल सकता है जब कार्तिक की बदाैलत भारत ने निदाहस ट्राॅफी पर कब्जा किया था। कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में कार्तिक के बल्ले से 8 गेंदों में नाबाद 29 रनों की पारी निकली थी जिसने बांग्लादेश की हार तय कर भारत को निदाहस ट्रॉफी दिलाई थी।
आईसीसी टी20 विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में इसी साल अक्तूबर में होने जा रहा है। लेकिन इसमें वापसी करने के लिए कार्तिक के पास कोई भी माैका नहीं बचा है। अगर हम यह कहें कि उनका करियर खत्म हो गया तो गलत नहीं होगा, क्योंकि इस समय भारतीय टीम के पास एक की बजाय 3 विकेटकीपर हो गए हैं जो कार्तिक को वापसी करने का कोई माैका ही नहीं देंगे। कार्तिक के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ विश्व कप में सेमीफाइनल मैच आखिरी मैच साबित हो गया। इसके बाद उन्हें टीम में जगह नहीं मिली। माैजूदा समय रिषभ पंत, केएल राहुल और संजू सैमसन ऐसे खिलाड़ी हैं जो कार्तिक की कमी खलने नहीं देंगे। ऐसे में कार्तिक के लिए वापसी करना आसान नहीं रहा है।
3. भुवनेश्वर कुमार
29 वर्षीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार के सामने टीम में वापसी करना बड़ी चुनाैती बना हुआ है। उनका बाहर होना टीम के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। अपनी स्विंग से भुवनेश्वर किसी भी बल्लेबाज को चकमा देने में माद्दा रखते हैं, लेकिन फिलहाल वो चोटों का सामना करते हुए खुद को फिट करने में लगे हुए हैं। भुवनेश्वर के लिए पिछले साल हुआ विश्व कप बुरा गया। इस दाैरान वह खेले 4 मैचों में सिर्फ 5 विकेट ले सके थे। इस दाैरान उनकी मासपेशियों में खिंचाब भी आया था। फिर अक्तूबर में चोटिल हो बैठे। लगातार चोटों से गुजरने के बाद भुवनेश्वर को टीम से बाहर होना पड़ा।
इसके अलावा भुवनेश्वर को लंदन में स्पोर्ट्स हर्निया सर्जरी भी करवानी पड़ी। वो फिलहाल अपनी फिटनेस को लेकर ध्यान में लगे हुए हैं, लेकिन इस बीच भुवनेश्वर की जगह शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी जैसे गेंदबाज जगह ले चुके हैं। ये दोनों युवा गेंदबाज अपनी इतनी छाप छोड़ चुके हैं कि चयनकर्ताओं को भी आगामी टी20 विश्व कप के लिए इनपर पैनी नजर बनी हुई है। भुवनेश्वर को वापसी करनी है तो उन्हें आईपीएल शुरू होने से पहले फिट होना पड़ेगा। अगर वो फिट होकर आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वापसी के चांस बढ़ सकते हैं अन्यथा मुश्किल नजर आ रहा है।