नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति के 33 महीने का कार्यकाल खत्म होने के बाद सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली पहली टीम ने कार्यभार संभाल लिया है। बीसीसीआई की नई टीम के सामने कई चुनौतियां है उनमें से एक है अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के अंदर बीसीसीआई की भागीदारी का कम होना। आईसीसी की ओर से बनाई गई वर्किंग कमिटी में बीसीसीआई का एक भी सदस्य शामिल नहीं है जिसके बाद से लगातार आईसीसी और बीसीसीआई के बीच खींचतान बनी हुई है। ऐसे में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारतीय बोर्ड के बिना इस वैश्विक संस्था की कोई प्रासंगिकता नहीं है। इससे पहले नवनियुक्त बीसीसीआई कोषाध्यक्ष और अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमिल ने भी यह बता कही थी।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ठाकुर सांसद स्टार खेल महाकुंभ पुरस्कार वितरण समारोह के सिलसिले में यहां आए थे।
और पढ़ें: ICC T20 World Cup: 19 रन पर खो दिये थे 6 विकेट, फिर विश्व कप के लिये क्वालिफाई कर रचा इतिहास
अनुराग ठाकुर ने कहा, 'बीसीसीआई के बिना आईसीसी की कोई प्रासंगिकता नहीं है क्योंकि इससे उसे अपने कामकाज के संचालन के लिए 75 प्रतिशत का अनुदान मिलता है।'
उन्होंने इसके साथ ही उम्मीद जताई कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली की अगुआई में बीसीसीआई आईसीसी के सामने यह मुद्दा उठाएगा।
ठाकुर ने कहा कि अरुण का बोर्ड कोषाध्यक्ष बनना राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि उनके भाई अरुण पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम करेंगे।
और पढ़ें: भारत के खिलाफ टॉस को लेकर डुप्लेसिस ने दिया बचकाना बयान, फैन्स ने ट्विटर पर लगा दी क्लास
45 वर्षीय ठाकुर फिलहाल बोर्ड के किसी भी मामले से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह कुछ मसलों पर बीसीसीआई का मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हैं।