नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट में सबसे मशहूर राइवलरी की बात की जाये तो सभी की जुबान पर एक ही नाम आयेगा वो है ऐशेज सीरीज, हालांकि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाली बॉडर-गावस्कर सीरीज भी किसी से कम नहीं है। क्रिकेट जगत में कई ऐसी कहानियां चर्चित हुई है जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह तीखा मुकाबला देखा गया है। मैदान पर जब-जब भी यह टीमें एक-दूसरे का सामना करने उतरी हैं तो दोनों के बीच गहमा-गहमी देखी गई है और खिलाड़ियो को स्लेज करना उसका बस एक छोटा सा हिस्सा है जो कि दोनों टीमों के खिलाड़ी अपनी मौजूदगी साबित करने के लिये इस्तेमाल करते हैं।
साल 2007-08 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई विवादास्पद सीरीज के कप्तान रहे अनिल कुंबले ने एक अलग ही अनुभव साझा किया है। अनिल कुंबले ने दावा किया है कि इस सीरीज के दौरान उन्हें स्लेजिंग का सामना नहीं करना पड़ा था, इसका मुख्य कारण था शेन वॉर्न से उनकी दोस्ती का होना।
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किंग्स इलेवन पंजाब को दिये एक इंटरव्यू में अनिल कुंबले ने कहा,' नहीं , मुझे उस दौरे पर स्लेजिंग का सामना नहीं करना पड़ा था। आप अक्सर यह कहे सुने जा सकते हैं कि अगर आपका दोस्त शेन वॉर्न हो तो कोई आपके स्लेज नहीं कर सकता। और मेरी शेन वॉर्न के साथ अच्छी दोस्ती होने के नाते मुझे स्लेज नहीं किया गया।
अनिल कुंबले ने यह भी कहा कि उन्हें कंगारू टीम के खिलाफ गेंदबाजी करने में मजा आता था क्योंकि वह दुनिया की सबसे बेहतरीन बल्लेबाजी वाली टीम थी।
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कुंबले ने कहा,' मुझे लगता है कि बतौर गेंदबाज आप हर किसी को गेंदबाजी करना चाहेंगे। हर टीम के खिलाफ गेंदबाजी करना एक अलग चुनौती होता है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजी करना मुझे सबसे ज्यादा पसंद था, क्योंकि उस वक्त वह दुनिया की सबसे बेहतरीन बल्लेबाजी वाली टीम थी। आप यह दिखाना चाहते हो कि आप क्या कर सकते हो। आप सबसे बेहतरीन टीम के खिलाफ क्या कर सकते हैं। मुझे यह चुनौती लेने में मजा आता था।'
उन्होंने आगे कहा,' मेरी यह खुशनीशीबी थी कि मुझे कभी सचिन तेंदुलर, वीरेंदर सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण या फिर सौरव गांगुली के खिलाफ गेंदबाजी करने के बारे में नहीं सोचना पड़ा। अगर मुझे इन खिलाड़ियों के खिलाफ गेंदबाजी करनी पड़ती तो भगवान जाने मेरा क्या होता, सौभाग्य से यह खिलाड़ी मेरी ही टीम में थे।'
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आपको बता दें कि 2007-08 में भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज अंपायर के खराब फैसलों के चलते काफी विवाद में रही। इस दौरान एंड्रयू सायमंडस को 2 बार नॉट आउट दिया और मैदान पर अंपायर को विरोधी टीम के कप्तान रिकी पॉन्टिंग से पूछ कर फैसले देते हुए देखा गया।