माइकल क्लार्क ने कही बड़ी बात-
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कुछ यादगार द्विपक्षीय सीरीज हुई हैं लेकिन क्लार्क को लगता है कि जब भी ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत से भिड़ेगी, तो उनकी नजरें हर साल अप्रैल-मई में खेले जाने वाले कैश-रिच लीग पर होंगी।
"हर कोई जानता है कि घरेलू स्तर पर आईपीएल के कारण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के वित्तीय भाग के संबंध में भारत कितना शक्तिशाली है," क्लार्क ने बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट को बताया।
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'कोहली और टीम इंडिया को स्लेजिंग से डरते हैं ऑस्ट्रेलियाई'
"मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट, और शायद बाकि हर टीमों ने भी भारत को चुनौती देने के बजाए उनकी तरह से खुशामंद की। वे कोहली या अन्य भारतीय खिलाड़ियों को स्लेज करने से बहुत डरते थे क्योंकि उन्हें अप्रैल में उनके साथ खेलना था।" विश्व कप जीतने वाले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा।
क्लार्क का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के कुछ सबसे धाकड़ क्रिकेटरों ने भी ऑन-फील्ड चरित्र से समझौता कर लिया गया, क्योंकि आईपीएल की नीलामी के बाद उनके अंदर यही धारणा बैठ गई कि वे कोहली को कभी स्लेज नहीं मारेंगे।
'हर किसी को आईपीएल कॉन्ट्रेक्ट का लालच'
उन्होंने कहा, " खिलाड़ी इस तरह थे -मैं कोहली की स्लेजिंग नहीं करने जा रहा हूं, मैं चाहता हूं कि वह मुझे बेंगलुरु के लिए चुने ताकि मैं अपने छह हफ्तों के लिए $ 1 मिलियन कमा सकता हूं।'
क्लार्क ने गेंद से छेड़छाड़ कांड के बाद के समय के बारे में कहा, "मुझे ऐसा लगता है कि ऑस्ट्रेलिया उस छोटे से दौर से गुजरा है जहां हमारा क्रिकेट थोड़ा नरम हो गया है जहां आला दर्जे की ईमानदारी को प्रचारित किया गया।"
बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अतीत में कई जुबानी जंगों में उलझाने वाली ऑन-फील्ड केमिस्ट्री का आनंद लिया है, जिसमें 2007-08 और 2018-19 में डाउन अंडर के दौरे शामिल हैं।
2008 में कुख्यात 'मंकी गेट' को क्रिकेट के दो पावरहाउस के बीच का सबसे निचला बिंदु माना जाता है।