3-1 से सीरीज जीत सकता था भारत
इस बीच भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने दोनों का बचाव किया है और कहा कि मैनचेस्टर में खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मैच के कैंसिल होने के पीछे कई कारण रहे हैं। इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज का मानना है कि सीरीज में भारतीय टीम 2-1 से आगे थी और अगर यह मैच खेला जाता तो नतीजा 3-1 हो सकता था, ऐसे में मैच का कैंसिल होना काफी निराशाजनक रहा। इस दौरान फारुख इंजीनियर ने उन रिपोर्ट पर भी हैरानी जताई जिसमें कहा जा रहा था कि कुछ भारतीय खिलाड़ी मैनचेस्टर टेस्ट में मैदान पर उतरना चाह रहे थे जबकि अन्य खिलाड़ियों ने खेलने से साफ इंकार कर दिया था।
होटल से बाहर नहीं गये शास्त्री-कोहली
जब से लंदन के एक बुक लॉन्च इवेंट में रवि शास्त्री और विराट कोहली अपने हेड कोच की ऑटोबॉयोग्राफी 'स्टारगेजिंग' में शामिल हुए हैं तब से इन दोनों की आलोचना की जा रही है। इस मुद्दे पर फारुख इंजीनियर का मानना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, वह इस दौरान होटल के अंदर थे और उसके अलावा कहीं नहीं गये। उन्होंने कहा कि फैन्स ने उनसे हाथ मिलाने और सेल्फी लेने की कोशिश जरूर की होगी लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया और इंकार कर दिया क्योंकि आपको नहीं पता कि कौन कोरोना वायरस लेकर आ रहा है।
सही नहीं है विराट-शास्त्री को दोषी ठहराना
फारुख इंजीनियर ने अपने इस बयान के दौरान लोगों से भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली और रवि शास्त्री के योगदान को न भुलाने की अपील की है।
उन्होंने कहा,' लोग इसके लिये रवि शास्त्री को दोष दे रहे हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिये कितना कुछ किया है। रवि शास्त्री और विराट कोहली दोनों ने भारतीय क्रिकेट में बहुत योगदान दिया है। आप उन्हें बुक लॉन्च में जाने के लिये दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। वह होटल से बाहर नहीं गये हैं, वह होटल के अंदर ही थे। किसी पर आरोप लगाना बहुत आसान है और किसी को दोषी ठहराना उससे भी ज्यादा। जब लोग आपके पास लगातार सेल्फी के लिये आते रहते हैं तो आप हर समय मना नहीं कर सकते हैं। रवि और विराट भी लोगों से हाथ मिलाने के दौरान ऐसा नहीं कर सके होंगे, लेकिन आप नहीं जानते कि कौन कोरोना पॉजिटिव है, तो ऐसे में आप उन्हें दोषी नहीं ठहरा सकते हैं।'