नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर रमीज राजा का मानना है कि फिलहाल जिम्बाब्वे को टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। जिम्बाब्वे की टीम को इस समय में सीमित ओवर के मैच पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। दरअसल जिस तरह से पाक की टीम ने जिम्बाब्वे को एकतरफा सीरीज में मात दी है उसके बाद रमीज राजा ने जिम्बाब्वे की टीम के टेस्ट क्रिकेट खेलने पर सवाल खड़ा किया है। राजा ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद जिम्बाब्वे की टीम ने कुछ नहीं सीखा। बता दें पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे की टीम को सीरीज में 2-0 से मात दी थी। दोनों ही मैच हरारे में खेले गए थे। रमीज राजा ने कहा कि इस तरह के मैच टेस्ट क्रिकेट में लोगों की गिरती लोकप्रियता को और भी नीचे लेकर जाएंगे और लोग क्रिकेट छोड़ कोई और खेल देखना पसंद करेंगे।
इस तरह के मैच नहीं होने चाहिए
बता दें कि सोमवार को पाकिस्तान ने दूसरे टेस्ट मैच में पारी और 147 रन से जीत दर्ज की थी। बाबर आजम की अगुवाई में टीम ने ने पहले टेस्ट मैच में एक पारी और 116 से मैच में जीत दर्ज की थी। इससे पहले जिम्बाब्वे की टीम टी-20 सीरीज में 2-1 से हार गई थी। यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए रमीज राजा ने कहा कि इस तरह के मैच नहीं होने चाहिए जहां दोनों टीम के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा ना हो। अगर आप लोगों को एकतरफा मैच दिखाएंगे तो लोग फुटबॉल या कोई अन्य खेल देखने लगेंगे। तीन दिन का टेस्ट मैच मजाक है।
एकतरफा मैच से लोगों का रोमांच होगा कम
रमीज राजा ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि जब एक कमजोर टीम मजबूत टीम के खिलाफ खेलती है तो आपका ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि आप मैच के नतीजों से सीखें। आप मजबूत टीम से सीखते हैं और किस तरह से स्थिति के अनुसार खुद को ढालना है यह सीखते हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि जिम्बाब्वे ने इस सीरीज में कुछ भी सीखा है, जिम्बाब्वे की टीम पर पाकिस्तान का हमेशा से दबदबा रहा। दूसरे टेस्ट मैच में भी खिलाड़ियों ने पहले मैच की ही तरह का प्रदर्शन किया, दूसरे मैच में भी खिलाड़ियों के खेल में किसी भी तरह का कोई बदलाव देखने को नहीं मिला।
अच्छे क्रिकेटर्स का अभाव
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में जिम्बाब्वे का क्रिकेट नीचे की ओर गया है, टीम में अच्छे क्रिकेटर्स का अभाव है, जिस तरह से टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों ने खेल दिखाया था वह अब देखने को नहीं मिलता है। आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में जिम्बाब्वे की टीम 10वे पायदान पर है। 2016 के बाद से जिम्बाब्वे की टीम ने शीर्ष की टीमों के खिलाफ सिर्फ 5 मैच खेले हैं।
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टीम में लगातार गिरावट
जिम्बाब्वे की टीम के मौजूदा स्तर के बारे में रमीज राजा ने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि जो टीम इतनी अच्छी थी वह इस समय इस स्तर तक पहुंच गई है। 1992 के विश्वकप में टीम में 3-4 विश्वस्तरीय खिलाड़ी थे जोकि मैच का रुख पलट सकते थे। लेकिन अब जिम्बाब्वे की टीम में धीरे-धीरे गिरावट ही देखने को मिल रही है। जिम्बाब्वे के क्रिकेट बोर्ड में भ्रष्टाचार, क्रिकेट के ढांचे में गिरावट केचलते टीम की हालत काफी खराब है, फिलहाल जिम्बाब्वे की टीम को टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए और सफेद गेंद के क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए।