नई दिल्ली। इंग्लैंड क्रिकेट को सोमवार को बड़ा झटका लगा है। क्रिकेट के खेल को जन्म देने वाली इस टीम के महान और पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी पीटर वॉकर को दिल का दौरा पड़ने की वजह से सोमवार को निधन हो गया। इंग्लैंड के इस दिग्गज ऑलराउंडर की 84 साल की थी जब उसका निधन हुआ। पीटर वॉकर मैदान पर अपनी जबरदस्त फील्डिंग के लिये मशहूर थे। क्रिकेट में आज भले ही जोंटी रोड्स, एकनाथ सोलकर और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों का नाम जबरदस्त फील्डिंग के लिये जाता हो लेकिन जिस वक्त क्रिकेट के इस विभाग पर खिलाड़ी तवज्जो भी नहीं देते थे उस वक्त पीटर ने फील्डिंग में नाम कमाया।
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1956 में ग्लेमोर्गन क्रिकेट क्लब की ओर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले पीटर वॉकर पहले मचेंट नेवी में काम किया करते थे। वह एक आक्रामक बल्लेबाज के साथ-साथ ही बायें हाथ के स्पिन गेंदबाज भी थे। अपने प्रथम श्रेणी करियर के दौरान पीटर वॉकर ने जबरदस्त फील्डिंग का नजारा दिखाया और 697 कैच पकड़ने का कारनामा किया।
पीटर वॉकर मैदान पर स्लिप और शॉर्ट लेग के लिये बेहद शानदार फील्डर माने जाते थे। उन्होंने महज 24 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था, हालांकि एजबेस्टन में खेले गए इस मैच में वह कुछ खास नहीं कर पाये और पहली पारी में 9 और दूसरी पारी में 37 रन बनाए।
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इसी सीरीज के अन्य मैच में जब पीटर लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर उतरे तो उन्होंने अपने करियर का पहला और इकलौता अर्धशतक लगाया। उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर ज्यादा बड़ा नहीं हो पाया और वो इंग्लैंड की ओर से महज 3 टेस्ट मैच ही खेल सके।
उल्लेखनीय है कि पीटर ने इसके बाद ग्लेमोर्गन की टीम की ओर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरु किया और 1969 की काउंटी चैंपियनशिप में ग्लेमोर्गन ने अजेय रहते हुए खिताब पर कब्जा किया। पीटर ने 1972 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इसके बाद पीटर एक प्रशासक के तौर पर क्रिकेट से जुड़ गए।
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वेल्स के लिए नेशनल क्रिकेट सेंटर के निमार्ण में पीटर का अमूल्य योगदान रहा। 2010 में उन्हें क्रिकेट में योगदान के लिए एमबीई से नवाजा गया। पीटर के निधन पर उनके परिजनों के अलावा क्लब और फैन्स ने शोक व्यक्त किया है।