नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर माधव आप्टे का सोमवार सुबह दिल का दाैरा पड़ने से निधन हो गया है। उनकी उम्र 86 साल थी। माधव लंबे समय से बीमार भी थे। उन्होंने मुंबई के कैंडी ब्रिज हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। आप्टे ने 1979 से 1979 की अवधि के दौरान तीन टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।
माधव आप्टे एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे, लेकिन ज्यादा मौके न मिलने कारण वे अपने खेल को निखार नहीं सके। माधव आप्टे 1950 के दशक के भारतीय खिलाड़ी थे। उनके बेटे वामन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमें दुख जरूर है लेकिन हम यह कह सकते हैं कि उन्होंने एक शानदार तरीके से अपनी पूरी जिंदगी जी। आपको बता दें कि आप्टे उस दौर के खिलाड़ी हैं जब क्रिकेट की पहचान न के बराबर थी।
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इस पूर्व खिलाड़ी ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 7 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 542 रन बनाए हैं। इन सात मैचों की पारियों में उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतक भी लगाए हैं। अगर फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात करें तो माधव ने कुल 67 मैच खेले जिसमें उन्होंने 3336 रन बनाए हैं। इसमें उन्होंने 16 अर्धशतक और 6 शतक लगाए थे।
1979 में, आप्टे को भारत के विंडीज दौरे के लिए चुना गया था। उस समय, वह प्यूल उमरीगर के बाद सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। 1979 में, उन्होंने केवल एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेला। उसके बाद उन्हें भारतीय टीम के लिए कभी नहीं चुना गया। क्यों नहीं चुना गया? वह 'अनसुलझी पहेली' बनी हुई है। आप्टे मुंबई चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष भी थे। वह वर्तमान में आप्टे समूह के प्रमुख थे।