नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल माधव आप्टे का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से 86 की उम्र में निधन हो गया। अपने समय के महान खिलाड़ियों में से एक माधव आप्टे का करियर ज्यादा लंबा नही रहा और इसके लिए वह पूर्व भारतीय कप्तान लाला अमरनाथ को जिम्मेदार मानते हैं। माधव आप्टे ने घरेलू क्रिकेट के अलावा राष्ट्रीय टीम के लिए 7 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें उन्होंने लगभग 50 की औसत से रन बनाये थे, बावजूद इसके वह अपने टेस्ट करियर को उतना लंबा नहीं खींच पाए जितने की उम्मीद लोगों ने की थी। माधव आप्टे ने 1952-53 की वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान 3 अर्धशतक और 163 रन की पारी खेली थी बावजूद इसके वह इस श्रृंखला के बाद सिर्फ एक ही टेस्ट मैच में शिरकत कर पाये। माधव आप्टे ने अपने करियर में 542 टेस्ट रन बनाये थे जिनमें से 460 रन वेस्टइंडीज दौरे पर बनाए लेकिन इस श्रृंखला के बाद वह सिर्फ एक ही टेस्ट मैच खेल पाए।
माधव आप्टे को अपने करियर में मैच न खेल पाने के लिए राजनीति नजर आती रही और उनका मानना था कि उनके बाहर जाने के पीछे महान खिलाड़ी लाला अमरनाथ का हाथ था। माधव आप्टे ने इस बात की जिक्र अपनी आत्मकथा 'ऐज लक वुड हैव इट- अनप्लग्ड अनकट' में किया है।
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माधव आप्टे ने अपनी आत्मकथा में लिखा, 'टेस्ट क्रिकेट से अचानक मेरे बाहर होने का कभी कोई कारण नहीं बताया गया विशेषकर प्रभावी रिकार्ड के बावजूद। लाला अमरनाथ ने चयन समिति की बैठक की अध्यक्षता की। दूसरे टेस्ट (संयुक्त टीम के खिलाफ) के दौरान उन्होंने मुझसे संपर्क किया और मेरे पिता से मिलने का अग्रह किया। वह दिल्ली में कोहिनूर मिल्स के कपड़ों के वितरण का अधिकार चाहते थे। वह घर आकर मेरे पिता से मिले।'
माधव आप्टे के अनुसार, उनके पिता लक्ष्मण आप्टे समझ गए कि यह मुलाकात क्यों हो रही है।
आप्टे ने अपनी आत्मकथा में लिखा, 'भाऊसाहेब पर्याप्त समझदार थे कि चीजों को समझ सकें। वह और मैं दोनों ही मेरे क्रिकेट करियर और व्यवसाय को आपस में नहीं जोड़ते। उन्होंने शिष्टता के साथ लाला का वितरण का प्रस्ताव ठुकरा दिया। लाला कुछ और वर्षों तक चयन समिति के अध्यक्ष रहे। मुझे कभी दोबारा टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए नहीं चुना गया।'
हालांकि मुंबई क्रिकेट को पहचानने वाले लोग आप्टे को खेल के प्रति उनके प्यार के लिए याद करते हैं।
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वहीं अनुभवी पत्रकार मकरंद वायंगणकर ने कहा, 'वह 50 साल तक कांगा लीग में खेले। वह आखिरी बार उस समय खेले जब 71 बरस के थे। वह बेदाग सफेद कपड़ों में किट बैग और छाते के साथ आम खिलाड़ी की तरह आते थे। 60 से अधिक की उम्र में उन्होंने अबे कुरुविला का सामना किया जो उनसे आधी उम्र का था।'
मकरंद ने बताया, 'वह आते थे और भारी बारिश हो रही होती थी। मैच नहीं होता था और वह विमान से वापस सिंगापुर लौट जाते थे। अब लोगों के पास पैसा है लेकिन क्या आप इस जज्बे की बराबरी कर सकते हो। वह एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने जवानी में प्रोफेसर डीबी देवधर के साथ खेला और 50 साल की उम्र में सचिन तेंदुलकर नाम के बच्चे के साथ।'
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माधव लंबे समय से बीमार भी थे। उन्होंने मुंबई के कैंडी ब्रिज हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। आप्टे ने 1979 से 1979 की अवधि के दौरान तीन टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।