फरारी-लैम्बॉर्गिनी की तरह हैं जसप्रीत बुमराह
उल्लेखनीय है कि जसप्रीत बुमराह को उनके प्रदर्शन के चलते आये दिन दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ियों से तारीफ मिलती है। अब इस मुद्दे पर पाकिस्तान के सलमान बट ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि बुमराह दुनिया के सबसे बेस्ट गेंदबाजों में से एक हैं और उनकी तारीफ करते हुए काफी मजेदार तुलना भी की।
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए सलमान बट ने कहा,'साधारण शब्दों में कहूं तो वो कोई टोयोटा या कोरोला नहीं है। बुमराह के जैसे गेंदबाजों के पास फरारी और लैम्बार्गिनी जितना टैलेंट होता हैं जो कि बड़े, खास और अहम मौकों के लिये इस्तेमाल की जाने वाली कार होती हैं। अगर आपके पास ऐसे गेंदबाज हों तो आपको सुनिश्चित करना होता है कि उनकी गेंदबाजी के साथ पूरा न्याय हो सके। ऐसे गेंदबाजों के साथ आपको न सिर्फ समय बल्कि परिस्थितियों का चयन भी समझदारी से करना होता है और जब आप ऐसा करते हैं तो आप उनके करियर की टाइमलाइन को बढ़ाने में कामयाब हो जाते हैं। आप जितना ज्यादा इन गेंदबाजों का इस्तेमाल अहम मैचों में करते हैं वो उतना बेहतर प्रदर्शन करते हैं।'
वकार-अकरम जितने जरूरी जसप्रीत बुमराह
सलमान बट ने जसप्रीत बुमराह को पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम जितना कारगर बताते हुए कहा कि वह भारतीय टीम में वही भूमिका अदा करते हैं तो 90 के दशक में वसीम अकरम या फिर शुरूआती 2000 के दशक में वकार यूनिस पाकिस्तान के लिये निभाते थे। सलमान बट ने इसको लेकर कुछ आंकड़ों का भी हवाला दिया।
उन्होंने कहा,'बुमराह भारतीय टीम के लिये उतने ही जरूरी हैं जितना की पाकिस्तान टीम के लिये वसीम और वकार हुआ करते थे। वह विपक्षी टीम को 5 विकेट होने के बावजूद 30-40 रन बनाने नहीं देते थे। वो उस टीम को आउट कर देते थे। बुमराह भी भारतीय गेंदबाजी को ऐसी ही क्वालिटी देते हैं और आखिर में मैच जिता कर देते हैं। उनकी खाली गेंदों का प्रतिशत जबरदस्त है। यॉर्कर्स पर उनका कंट्रोल जबरदस्त है। वह अपने एक्शन के चलते किसी भी बल्लेबाज को स्लोअर और क्विक बाउंसर बॉल के बीच धोखा दे सकते हैं। वह भारतीय टीम और कप्तान के लिये अमूल्य हैं।'
कप्तान के विश्वास पर खरा उतरते हैं बुमराह
हाल ही में वेस्टइंडीज के दिग्गज तेज गेंदबाज कर्टली एंब्रोस ने कहा था कि बुमराह भारत के लिये 400 टेस्ट विकेट ले सकते हैं बशर्ते वो खुद को फिट रखने में कामयाब रहें। वहीं सर रिचर्ड हेडली ने बुमराह के एक्शन और वर्कलोड को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और बताया था कि इस गेंदबाज के लिये अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर को लंबा रखने के लिये आईपीएल के वर्कलोड को मैनेज करना कितना जरूरी है।
उन्होंने कहा,'बुमराह उन गेंदबाजों में से हैं जिनकी ओर कोई भी कप्तान मुश्किल के समय में रुख करता है। अगर आप रोहित की ओर देखते हैं तो वह उनको पहले 6 ओवर में सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी कराते हैं और बाकी की गेंद आखिरी के ओवर्स के लिये बचा लेते हैं। ऐसा क्यों हैं, क्योंकि कप्तान अपने खिलाड़ी पर भरोसा करता है कि अगर विपक्षी टीम को जीत के लिये 30-40 रनों की दरकार होगी तो वह बुमराह का इस्तेमाल कर सकते हैं जो न सिर्फ रनों पर लगाम लगायेगा बल्कि विकेट भी निकाल सकता है।'