बासित अली ने इमरान पर लगाया आरोप
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर ने पूर्व कप्तान इमरान खान पर आरोप लगाते हुए कहा कि 1993 विश्व कप के बाद ही जावेद मियांदाद को टीम से बाहर करने की कोशिश की गई थी जिसकी साजिश इमरान खान ने की थी। बासित अली ने आरोप लगाया कि उस वक्त वसीम अकरम महज नाम मात्र के कप्तान थे क्योंकि सारे फैसले तो इमरान खान ही लेते थे।
उन्होंने कहा, ' 1993 के आसपास जावेद मियांदाद को टीम से बाहर निकालने की साजिश की गई थी। उस वक्त मेरी बल्लेबाजी को देखकर लोगों ने मेरी तुलना मियांदाद से करनी शुरु कर दी थी, जबकि ईमानदारी से कहूं तो मैं मियांदाद का एक प्रतिशत भी नहीं था। मैं नंबर 4 पर बल्लेबाजी करता था, लेकिन मियांदाद को टीम से हटाने के बाद मुझे नंबर 6 पर पटक दिया गया। 4 नंबर पर मेरी औसत 55 की थी, लेकिन 6 पर मेरा प्रदर्शन खराब हो गया। वे जानते थे कि मैं इस नंबर पर शायद ही बल्लेबाजी कर पाऊंगा। यह मेरे लिए धीमा जहर था।'
इमरान की वजह से मेरे बल्लेबाजी क्रम में हुआ बदलाव
बासित अली ने टीम में 4 नंबर पर शानदार बल्लेबाजी करने के बावजूद बल्लेबाजी क्रम में बदलने के पीछे इमरान खान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्ही की वजह से मेरे करियर में डाउन फॉल आया।
उन्होंने कहा, 'मैं बड़े शॉट्स के लिए जाना जाता था। क्रम बदलने के बाद मेरी बल्लेबाजी मुश्किल से आती थी। उस समय वसीम अकरम कप्तान थे, लेकिन वह व्यक्ति जो मियांदाद के आउट के लिए जिम्मेदार था वह कोई और नहीं इमरान खान थे। वह आदेश देते थे। उन्हीं के इशारे पर सब होता था।'
मियांदाद के लिए विश्व कप टीम में छोड़ी अपनी जगह
पूर्व कप्तान को टीम से बाहर करने की बात पर बासित ने कहा कि अब मैं आपसे कुछ ऐसा बताने जा रहा हूं जिसके बारे में आप नहीं जानते होंगे। मैं अब तक अपने देश की वजह से शांत रहा हूं लेकिन मुझे लगता है इसे बताना जरूरी है। जावेद मियांदाद को 1996 की विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया था बल्कि उनकी जगह मेरा नाम 15 सदस्यीय टीम में शामिल था। बासित ने बताया कि उन्होंने जावेद मियांदाद के अनुरोध पर विश्व कप की टीम से नाम वापस ले लिया क्योंकि वह सबसे ज्यादा बार विश्व कप खेलने का रिकॉर्ड बनाना चाहते थे।
उन्होंने कहा, 'मैं उस समय (1995 और 1996 में) फॉर्म में था, लेकिन फिर भी मैंने अपनी जगह का त्याग कर दिया, क्योंकि मैं मियांदाद का सम्मान करता था।'
गौरतलब है कि 6 बार अपने देश के लिये विश्व कप खेलने वाले खिलाड़ियों की बात करें तो सचिन तेंदुलकर के अलावा जावेद मियांदाद ही इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं।
अकरम के खिलाफ हुआ था विद्रोह
अपने खुलासों के बारे में बात करते हुए बासित अली ने यह भी दावा किया कि 1993 के दौरान टीम के अंदर विद्रोह हो गया था और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान के दखल के चलते खिलाड़ियों ने वसीम अकरम की कप्तानी में खेलने से इंकार कर दिया था।
उन्होंने बताया, '1993 में जब वसीम अकरम पाकिस्तान टीम के कप्तान बने तो खिलाड़ियों ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया था। खिलाड़ियों ने अकरम की कप्तानी में खेलने से इंकार करते हुए कहा कि वह इमरान के आदेशों का पालन करते हैं, इसलिए वे उनके अंडर खेलना पसंद नहीं करेंगे।'
ऐसा रहा जावेद मियांदाद का क्रिकेटर करियर
1975 और 1996 के बीच 33 विश्व कप मैचों में मियांदाद ने 43.32 के औसत से 1083 रन बनाए। इसमें एक शतक भी शामिल था। उन्होंने 1987 के विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ 100 गेंदों पर 103 रन बनाए। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 124 टेस्ट और 233 एकदिवसीय मैच भी खेले, जिसमें क्रमशः 8832 और 7381 रन बनाए। पाकिस्तान के दिग्गज ने 23 टेस्ट और 8 एकदिवसीय शतक अपने नाम किए।