द्रविड़ भी तेंदुलकर की छाया में खेलते रहे
लतीफ ने यूट्यूब चैनल 'कॉट बेहाइंड' शो में कहा, "जब भी तकनीक और दबाव में रहकर प्रदर्शन करने की बात आती है, तब राहुल द्रविड़ भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे सभी खिलाडियों से एक कदम आगे रहते हैं। जैसा, मैंने सहवाग के मामले में कहा था, द्रविड़ भी तेंदुलकर की छाया में खेलते रहे।"
अलग भूमिका निभाते थे द्रविड़
लतीफ ने कहा कि जब भी भारत शुरूआत में ही जल्दी विकेट गंवा देता था तो द्रविड़ मुख्य बल्लेबाज के रूप में सामने आते थे और वह दीवार बन जाते थे। उन्होंने कहा, " सचिन तेंदुलकर को शुरुआत से आक्रमण करने में द्रविड़ पर काफी भरोसा था। इसमें ऐसा नहीं कि द्रविड़ उस प्रकार नहीं खेल सकते थे, लेकिन वह अलग भूमिका निभाते थे। जब भारत को जल्दी ही शुरुआती झटके लगता था तो उनका प्रमुख खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ही होता था। तभी तो वो 'द वॉल' कहलाए।"
इस मामले में रहेगा नाम आगे
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने कहा, "अगर आप साझेदारियों को देखेंगे तो तेंदुलकर, गांगुली और सहवाग के साथ सबसे ज्यादा बार नाम द्रविड़ का नाम ही पाएंगे।" गांगुली और द्रविड़ ने 1999 विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ रिकॉर्ड 318 रनों की साझेदारी की थी। वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहली बार 300 या उससे ज्यादा की साझेदारी हुई थी। पाकिस्तान के लिए 37 टेस्ट और 166 वनडे मैच खेलने वाले लतीफ ने कहा," मुझे ऐसी जगह बताइए, जहां उन्होंने रन नहीं बनाए हो। उन्होंने पाकिस्तान में रन बनाए। आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड सभी जगह रन बनाए हैं।"