नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी को पहली बार चैम्पियन बनाने वाले पूर्व कोच और मैनेजर हसमुखभाई जोशी का 85 की उम्र में निधन हो गया। 'बाबाभाई' के नाम से मशहूर पूर्व कोच पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे जिसके बाद गुरुवार को उनका निधन हो गया। उनके निधन पर सौराष्ट्र क्रिकेट संघ ने भी शोक जताया।
इसको लेकर सौराष्ट्र क्रिकेट संघ ने बयान जारी कर कहा, 'बाबाभाई जोशी ने कई भूमिकाओं में सौराष्ट्र क्रिकेट की सेवा की। बतौर खिलाड़ी, अंडर-16, अंडर-19, अंडर-22 सिलेक्टर, अंपायर, कोच और मैनेजर सभी रूपों में। उनके निधन पर हम परिवार के लिये धैर्य की कामना करते हैं।'
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उल्लेखनीय है कि बाबाभाई ने अपने कार्यकाल के दौरान 'ओल्ड रणजी ट्रॉफी प्लेयर्स ऑफ द पीरियड 1963 टू 1969: माय टीम मेट्स एंड इंटिमेट्स' किताब भी लिखी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड और सौराष्ट्र क्रिकेट बोर्ड के सचिव निरंजन शाह ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है।
इससे पहले गुरुवार को ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली के बचपन के कोच और रणजी ट्रॉफी में सौरव गांगुली समेत एक दर्जन से ज्यादा शानदार खिलाड़ी देने वाले अशोक मुस्तफी का भी लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
रिपोर्ट के अनुसार कोच अशोक मुस्तफी लंबे समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे जिसके बाद अप्रैल में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पिछले कुछ समय से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी लेकिन गुरुवार की सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
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उल्लेखनीय है कि कोच अशोक मुस्तफी मशहूर दुखीराम क्रिकेट कोचिंग सेंटर में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते थे जो कि आगे चलकर आर्यन क्लब गैलरीज के अंडर आ गया था। इसे एक समय में बंगाल क्रिकेट की नर्सरी समझा जाता था।