कही ये बात
उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति साझा करते हुए कहा, "इस साल ने सभी को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस बीच मेरे बारे में कई बातें स्पष्ट हो गईं। अब आगे बढ़ने का समय है। मुझे अपने देश के लिए सभी तरह के क्रिकेट खेलने पर गर्व है। लेकिन मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का समय आ गया है।'' डु प्लेसिस ने आगे कहा, "अगर किसी ने मुझे 15 साल पहले कहा था कि मैं दक्षिण अफ्रीका के लिए 69 टेस्ट खेलने जा रहा हूं और टीम का नेतृत्व करूंगा, तो मुझे उन पर विश्वास नहीं होगा। मैं अपने टेस्ट करियर के लिए बेहद आभारी हूं। यह मेरे जीवन के उतार-चढ़ाव के कारण है कि मैं आज एक व्यक्ति के रूप में गर्व से खड़ा हूं। '
टी20 पर रहेगा अधिक ध्यान
डु प्लेसिस ने अब तक के सबसे छोटे प्रारूप को अपनी प्राथमिकता बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "अगले दो साल ICC T20 विश्व कप के वर्ष हैं। इस वजह से, मेरा ध्यान अब इसकी ओर है और मैं इसके अलावा टी20 क्रिकेट दुनिया भर में अधिक से अधिक खेलना चाहता हूं ताकि मैं सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन सकूं।'' उन्होंने कहा, "मैं दृढ़ता से मानता हूं कि मुझे इस प्रारूप में प्रोटियाज की पेशकश करने के लिए बहुत कुछ है। इसका मतलब यह नहीं है कि एकदिवसीय क्रिकेट अब योजनाओं में नहीं है। मैं टी -20 क्रिकेट को अल्पकालिक में प्राथमिकता दे रहा हूं।"
डु प्लेसिस ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू में शतक बनाया था। उन्होंने पहली पारी में 78 और दूसरी पारी में नाबाद 110 रन बनाए थे। दूसरी पारी में, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए मैच बचाने के लिए एबी डिविलियर्स के साथ 408 गेंदों पर 89 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी को आज भी कई लोग याद करते हैं।
डु प्लेसिस का टेस्ट करियर
इस महान खिलाड़ी ने साउथ अफ्रीका के लिए 69 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 10 शतकों और 21 अर्धशतकों की मदद से 4163 रन बनाए हैं। हालांकि वह टेस्ट में दोहरा शतक लगाने के लिए 1 रन से चूक गए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ टेस्ट स्कोर 199 रन रहा। वहीं 143 वनडे मैचों में 5507 रन बना चुके हैं, जिसमें 12 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। डु प्लेसिस ने 50 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 1528 रन बनाए हैं। इसमें 1 शतक और 10 अर्धशतक दर्ज हैं।