नई दिल्ली। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के लिए अंपायरिंग कर चुके पूर्व अंपायर जॉन होल्डर ने ईसीबी पर बड़े संगीन आरोप लगाने का काम किया है। जॉन होल्डर ने ईसीबी पर संस्थागत नस्लवाद करने का आरोप लगाया है हालांकि होल्डर ने अपने और अपने साथी स्माइल दाऊद के खिलाफ लगाए गए नस्लवाद के आरोप के दावे को वापस ले लिया है। ESPNcricinfo के साथ बात करते हुए जॉन होल्डर ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड पर झूठ बोलने और भ्रम फैलाने वाले बयान देने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा,' नस्लवाद को लेकर ईसीबी के खिलाफ के गए हमारे दावे को कानूनी नियमों के आधार पर खारिज किया गया है हालांकि मैंने जो दावे किए थे उनमें से किसी को भी ना तो मैंने और ना ही मेरे साथी ने वापस लेने का काम किया है।'
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उन्होंने आगे कहा कि ईसीबी ने इस मामले पर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हुए बयान जारी किया है उससे लगता है कि हमने उनके पक्ष को स्वीकार कर लिया है और हार मानते हुए इस मामले में पीछे हट गए हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है हम अब भी मानते हैं कि ईसीबी एक संस्थागत रूप से नस्लवाद करता है।
गौरतलब है कि अंपायर जॉन होल्डर और इस्माइल दाऊद ने पिछले साल ईसीबी पर अपने कार्यकाल के दौरान कथित रूप से नस्लीय पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। इसमें दोनों ने ईसीबी से पक्षपात करते हुए ज्यादा मैचों में अंपायरिंग करने का मौका ना देने के लिए मुआवजे की मांग की थी, हालांकि कोर्ट की तरफ से इस मुकदमे को खारिज किए जाने के बाद दोनों ने अपने रोजगार के दामों को वापस ले लिया है।
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आपको बता दें कि हाल ही में वेस्टइंडीज के पूर्व गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने नक्सलवाद को लेकर बड़ा बयान दिया था और कहा था कि दुनिया से नस्लवाद का पूरी तरह से सफाया करना संभव नहीं है। नस्लीय भेदभाव के खिलाफ समर्थन जताने के लिए एक घुटने के बल बैठने का भाव सिर्फ औपचारिकता है। सही मायनों में नस्लवाद दिल से मिटाने पर ही जाएगा। नस्लवाद से छुटकारा पाने का मतलब है कि आप एक ऐसे समाज की कल्पना कर रहे हैं जहां पर अपराध कभी ना होता हो जो कि एक असंभव काम है।