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ओपनिंग से नंबर 3 पर बैटिंग, लेग स्पिन से था पहला प्यार- श्रीसंत कैसे बने एक तेज गेंदबाज

नई दिल्ली: 'कोच्चि एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर श्रीसंत को भारतीय क्रिकेट में वापसी करते हुए देखना कई फैंस के लिए सुखद सरप्राइज होगा। एक समय भारतीय क्रिकेट का सबसे प्रतिभाशाली गेंदबाज रहा यह खिलाड़ी नेशनल टीम में कब खेल पाएगा, यह सवाल का जवाब केवल भविष्य के पास है लेकिन इस समय जो मायने रखता है वह है श्रीसंत के अंदर का जज्बा जो वापसी के लिए उनमें दिखाई देता है।

लॉकडाउन के दौरान अपने प्रशंसकों से मुखातिब होने के लिए श्रीसंत ने वनइंडिया हिंदी से बात की है जिसमें उन्होंने अपने जीवन और खेल से जुड़े अनकों अनछुए पहलुओं पर चर्चा की।

श्रीसंत का नहीं था फास्ट बॉलिंग से दूर-दूर का नाता-

श्रीसंत का नहीं था फास्ट बॉलिंग से दूर-दूर का नाता-

एक ऐसा ही किस्सा है- श्रीसंत तेज गेंदबाज कैसे बने? यह यात्रा भी दिलचस्प रही है। श्रीसंत बचपन से ही अनिल कुंबले के फैन रहे हैं और आज भी यह बात बरकरार है। उन्होंने बताया कि एक तेज गेंदबाज बनने का सफर केवल फास्ट बॉलिंग अपनाने से ही शुरू नहीं हुआ था बल्कि एक बेहतरीन पेसर बनने से पहले उन्होंने क्रिकेट के कई क्षेत्रों में हाथ आजमाए।

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ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर हुई शुरुआत-

ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर हुई शुरुआत-

दरअसल श्रीसंत शुरू में स्पिनर बनना चाहते थे। इस बात का जवाब देते हुए श्रीसंत ने बताया है कि उनकी क्रिकेट की शुरुआत बतौर बल्लेबाज हुई थी, वह भी एक ओपनिंग बल्लेबाज।

श्रीसंत ने कहा- "मैं सबसे पहले तो स्कूल में एक ओपनिंग बल्लेबाज था (10वीं क्लास तक) अंडर-17 तक, इसके बाद अंडर-19 तक भी नंबर 3 पर खेलता रहा। उस समय पर पार्ट टाइम लेग स्पिनर के तौर पर मैं गेंदबाजी कर लिया करता था। तब मैं अनिल भाई (कुंबले) के एक्शन की नकल करता था।"

कुंबले-वार्न की नकल करके की लेग स्पिन-

कुंबले-वार्न की नकल करके की लेग स्पिन-

श्रीसंत ने बताया है जब उनके मैच बेंगलुरु में होते थे तब वे वहां पर शेन वार्न के अंदाज में लेग स्पिन करते थे। यही नहीं, उन्होंने वार्न और कुंबले को एक ही एक्शन में मिक्स करके भी लेग स्पिन का लुत्फ उठाया है।

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श्रीसंत ने आगे बताया, उसके बाद जब मैं 11वीं क्लास में कोच्चि आया, तब मैंने बहुत टेनिस बॉल टूर्नामेंट खेला। टेनिस बॉल से आपको केवल तेज गेंदबाजी करनी होती है। मुझे बहुत अच्छा लगता था, रात को 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक टूर्नामेंट होते थे। वह मेरे लिए काफी अच्छा अनुभव है और यहीं से तेज गेंदबाजी की शुरुआत हुई।"

टेनिस बॉल से शुरू हुआ पेस बॉलिंग का सफर-

टेनिस बॉल से शुरू हुआ पेस बॉलिंग का सफर-

श्रीसंत ने बताया कि उनके भाई भी तेज गेंदबाज थे और उन्होंने भाई से ज्यादा तेज गति से फेंकने की कोशिश की। यहां से उनका सफर शुरू हुआ और जब उन्होंने टीनू योहानन को भारत के लिए खेलते हुए देखा तो उनका नजरिया तेज गेंदबाजी के लिए पूरी तरह बन गया था।

टीनू योहानन को देखकर मिली प्रेरणा-

टीनू योहानन को देखकर मिली प्रेरणा-

उन्होंने बताया, "फिर टीनू योहानन भारत के लिए खेले और उनको देखकर मुझे लगा कि इसमें भी काफी स्कोप है। केरल से एथलीट निकलते हैं और आपको अपना 100 प्रतिशत बेस्ट देना होगा। बाद में डेनिस लिली सर का मार्गदर्शन मिला"

इस तरह से श्रीसंत की क्षमता में निखार आता गया और वे एक शानदार तेज गेंदबाज के तौर पर विकसित होते गए।

Story first published: Tuesday, July 14, 2020, 23:47 [IST]
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