चयनकर्ताओं ने की यह गलती
गांगुली ने कहा कि एक फिनिशर के तौर पर धोनी को लेकर मेरे मन में अगाध आदर है। मसला धोनी के छक्का लगाने का नहीं है बल्कि वो वनडे मैच जीतना जानते हैं और खेल को उसी हिसाब से खेलते हैं।'' गांगुली ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में भारतीय चयनकर्ताओं की यह सबसे बड़ी गलती है कि मध्य क्रम में कोई मजबूत खिलाड़ी नहीं तलाश सके। लक्ष्मण ने कहा कि आप हमेशा रोहित और विराट कोहली पर निर्भर नहीं रह सकते।
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धोनी को आना चाहिए था पहले
गांगुली का कहना है कि मसला केवल धोनी की बैटिंग का नहीं है। उन्होंने कहा, ''अगर धोनी पहले आते तो दूसरे छोर पर बैटिंग करने वाले युवा खिलाड़ी को कायदे से खेलने के लिए कहते।'' ऋषभ पंत सेट हो गए थे लेकिन वो स्पिनर मिशेल सैंटनर की अच्छी गेंद पर खराब शॉट खेलकर आउट हो गए। ऐसे में जरूरत थी कि दूसरे छोर पर कोई ऐसा खिलाड़ी हो जो पंत को सही सलाह दे पाए। अगर धोनी साथ में होते तो पंत को ऐसे शाट्स खेलने से रोकते। इंग्लैंड के साथ मैच में धोनी ने ऐसा ही किया था और पंत ने अच्छा खेला था।
मजबूत मध्य क्रम की तलाश बाकी है
गांगुली ने कहा, ''ऐसे मौके पर कोई अनुभवी खिलाड़ी की ज़रूरत थी। पंत के वक़्त अगर धोनी पिच पर होते तो वो उसे ऐसे बैटिंग नहीं करने देते। जडेजा के वक्त धोनी मैदान में थे तो दोनों में अच्छी बातचीत हो रही थी और उसी हिसाब से गेम को आगे बढ़ा रहे थे। आप धोनी को सात नंबर पर नहीं भेज सकते हैं।'' गांगुली कहते हैं, ''ऋषभ पंत को पांच नंबर के लिए रखना चाहिए। कोहली नंबर चार पर बैंटिंग कर सकते हैं। अगर शिखर धवन लौटते हैं तो केएल राहुल तीसरे नंबर पर बैटिंग कर सकते हैं। भारत के लिए मजबूत मध्य क्रम की तलाश बाकी है।''
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