कही ये बात
गंभीर ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दाैरान कहा कि आईसीसी का काम सही तरीके से क्रिकेट को चलाना है, न कि यह देखना कि कौन क्या पहन रहा है और किसके शरीर पर किसका लोगो है। उन्होंने कहा, "आईसीसी को देखना चाहिए कि टूर्नामेंट में 300-400 रन नहीं बनने चाहिए। आईसीसी का काम ऐसी पिचें बनाने पर होना चाहिए , जो गेंदबाजों की भी मददगार हों न कि ऐसी स्थिति जो सिर्फ बल्लेबाजों की मददगार हों। इस लोगो के मुद्दे को काफी ज्यादा तवज्जो दी जा रही है।"
सहवाग ने रखी थी ये राय
वहीं वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि आईसीसी न इसपर कोई कंट्रोवर्सी खड़ी की है। उन्होंने कहा, ''आईसीसी ने एक चीज नोटिस करते हुए सिर्फ बीसीसीआई को एक छोटा सा इमेल करते हुए बताया है कि आप धोनी को कहें कि ग्लव्स पर लोगो का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि उन्होंने इसकी इजाजत नहीं ली। और आईसीसी उन्हें भी लताड़ लगा सकता है जिन्होंने ये ग्लव्स बनाया है क्योंकि उन्होंने भी इसकी इजाजत नहीं ली। कानून और कायदे में रहकर आईसीसी ने सही फैसला सुनाया है तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बड़ी बात है, धोनी अभी भी 'बलिदान बैज' का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन उसके लिए उन्हें दोबारा आईसीसी को खत लिखना होगा।
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साउथ अफ्रीका के मैच में आए थे चर्चा में
बता दें कि 5 जून को भारत ने विश्व कप में अपना पहला मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला, जिसमें उसने 6 विकेट से जीत दर्ज की। लेकिन जीत से ज्यादा धोनी की चर्चा उस समय ज्यादा होने लगी जब सोशल मीडिया पर 'बलिदान बैज' का निशान उनके ग्लव्स पर वायरल तस्वीर में देखा गया। इसके बाद बीसीसीआई ने आईसीसी से अनुरोध किया उन्हें ऐसे ग्लव्स पहनने की इजाजत मिले, लेकिन आईसीसी ने मना कर दिया।