नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल पिछले कुछ समय से लगातार टेस्ट क्रिकेट में रोमांच बढ़ाने के लिये नये-नये कदम बढ़ा रहा है और लोगों की खेल के सबसे पुराने प्रारूप में दिलचस्पी को बरकरार रखने के लिये आईसीसी ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत की जिसका पहला फाइनल मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच साउथैम्पटन के मैदान पर खेला जाना है। हालांकि बारिश के चलते फैन्स को इस ऐतिहासिक मैच के शुरू होने का इंतजार करना पड़ रहा है। इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट से मेजबान टीम की घरेलू बढ़त को खत्म करने और टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिये एक बड़े नियम को बदलने की सलाह दी है।
गौतम गंभीर का मानना है कि अगर टेस्ट क्रिकेट में फैन्स की रूचि बढ़ानी है तो आईसीसी को इस प्रारूप से टॉस खत्म कर देना चाहिये और मेहमान टीम को पहले बल्लेबाजी और गेंदबाजी में से चयन करने का अधिकार देना चाहिये। गौतम गंभीर ने यह बात स्पोर्टस तक के मेगा क्रिकेट कॉन्क्लेव के शो सलाम क्रिकेट 2021 के दौरान कही।
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उन्होंने कहा,'अगर आप पिछले 5 साल के दौरान टेस्ट क्रिकेट का रिकॉर्ड देखें तो ज्यादातर टीमों को उनके घर में हराना लगभग नामुमकिन होता है। भारत और इंग्लैंड की टीम को उनके घर में हराना लगभग नामुमकिन रहता है। इंग्लैंड की टीम भारत आकर हार जाती है तो वहीं पर भारतीय टीम को भी इंग्लैंड में हार का सामना करना पड़ता है। इससे समझ आता है कि असल में कोई टीम विश्व चैम्पियन नहीं है। अगर आपको टेस्ट मैच के प्रति फैन्स की रूचि बढ़ानी है तो टॉस के नियम को खत्म करना होगा जिससे मेजबानी टीम का घरेलू फायदा खत्म हो जायेगा।'
गौतम गंभीर ने ऑस्ट्रेलियन टीम के बारे में बात करते हुए कहा कि यह भी वह टीम नहीं रह गई है जो किसी भी परिस्थिति में जाकर अच्छा खेलती थी। इसके साथ ही उन्होंने टॉस खत्म करने से मेहमान टीम को होने वाले फायदों के बारे में भी गिनाया।
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उन्होंने कहा,'अगर आप टॉस का नियम खत्म करते हैं तो मैच के दौरान हमें बेहतर पिच देखने को मिलेगी जो कि आखिरी दिन तक मैच में अहम रोल निभायेगा। अगर मेहमान टीम से टॉस के बजाय उनकी इच्छा पूछी जायेगी तो टीमों का पिच और घरेलू परिस्थितियों का बहाना देना बंद हो जायेगा। इससे आपको बेहतर स्तर की क्रिकेट भी देखने को मिलेगी। अगर ऐसा होता है तो शायद इंग्लैंड की टीम घर पर खेलते हुए पिच पर घास छोड़ना बंद कर देगी, वहीं पर भारत में कम टर्निंग ट्रैक देखने को मिले।'
इस दौरान गौतम गंभीर ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की विश्व कप से तुलना करने वाले बयानों की भी आलोचना की और कहा कि इन दोनों की तुलना करना सही नहीं होगा क्योंकि विश्व कप 4 साल में एक बार होता है जबकि टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत हर साल सीरीज खेली जानी है। मुझे लगता है कि बेहतर करने वाली टीम इस मैच को जीतेगी।