नई दिल्ली। क्रिकेटर से राजनीति की ओर रूख करने वाले गाैतम गंभीर(Gautam Gambhir) ने पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन(Paddy Upton) को सरल शब्दों में जवाब दिया है। टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहे पैडी ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है कि गभीर को मानसिक रूप से असुरक्षित खिलाड़ी हैं जिसका जवाब देते हुए गंभीर ने कहा कि मानसिक तौर पर असुरक्षित होने की पैडी अपटन की टिप्पणी अपनी जगह सही है, लेकिन मैं कमजोर व्यक्ति नहीं हूं। यही नहीं गौतम गंभीर ने विश्व कप 2011(World Cup 2011) के फाइनल में खेली गई अपनी 97 रनों की पारी का भी इसके लिए जिक्र किया।
गंभीर ने कहा कि किसी भी मामले में एक क्रिकेटर के तौर पर मैं कितना असुरक्षित था, यह सबके सामने है। ऐसा कुछ भी नहीं है, जो पैडी ने बोला हो और वह पब्लिक डोमेन में न रहा हो। गंभीर ने कहा कि पुस्तक में की गई टिप्पणियों से मैं बिल्कुल भी आहत नहीं हूं। आप देखिए कि पैडी ने जो नहीं कहा है या फिर जिसे पब्लिशर ने शायद एडिट कर दिया है। मैं टीम इंडिया को और खुद को दुनिया में सबसे बेहतर देखना चाहता था। इसीलिए मैं कभी 100 रन बनाकर संतुष्ट नहीं हुआ और उसके बाद 200 बनाना चाहता था, जो पैडी की पुस्तक में भी है। मैं इसमें कुछ भी गलत नहीं देखता। गंभीर ने कहा कि एक सक्रिय खिलाड़ी के तौर पर मैं हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करता था और कई बार अकेले भी पूरी जंग लड़ने का साहस दिखाया।
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क्या-क्या कहा था पैडी ने
बता दें कि पैडी ने अपनी किताब में लिखा है गंभीर शतक जड़ने के बावजूद भी दुखी रहता था और उसका जोर अपनी गलतियों पर लगा रहता था। जब वह 150 रन बनाता था तब भी वह निराश होता था कि उसने 200 रन क्यों नहीं बनाए। अपटन ने लिखा कि चाहे उन्होंने और तब के कोच गैरी कर्स्टन ने गंभीर के साथ सब कुछ किया लेकिन यह खिलाड़ी 'नकारात्मक और निराशावादी' था। हालांकि उन्होंने यह भी लिखा है कि इसमें कोई शक नहीं कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ, सबसे दृढ़ और सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक था। यही चीज उसने फिर से 2011 विश्व कप फाइनल में साबित की।