नई दिल्ली। भारत को 2007 और 2011 विश्व कप में जीत दिलाने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारतीय कप्तान विराट कोहली की कप्तानी को लेकर एक बार सवाल उठाए हैं। गौतम गंभीर ने विराट कोहली की सफल कप्तानी के पीछे का श्रेय उपकप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिया। गौतम गंभीर ने कहा कि विराट कोहली (Virat Kohli) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी कप्तान इसलिये दिखते हैं क्योंकि उनके पास टीम में महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा के रूप में दो सफल कप्तान मौजूद हैं। एम एस धोनी को भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है जिन्होंने टीम को दो विश्व कप दिलाये हैं जबकि रोहित शर्मा फ्रेंचाइजी कप्तान के रूप में काफी सफल रहे हैं और मुंबई इंडियंस को अब तक 4 आईपीएल खिताब दिला चुके हैं।
गौतम गंभीर ने कहा, 'अभी विराट कोहली (Virat Kohli) को लंबा सफर तय करना है। विराट कोहली (Virat Kohli) पिछले विश्व कप में (इंग्लैंड में) काफी अच्छा था लेकिन उसे अब भी काफी दूर तक जाना है। वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इसलिए इतनी अच्छी कप्तानी करता है क्योंकि उसके पास रोहित शर्मा है, उसके पास लंबे समय से महेंद्र सिंह धोनी है।'
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विराट कोहली (Virat Kohli) के इंडियन प्रीमियर लीग में रिकार्ड की बात करते हुए गंभीर ने कहा कि कप्तान के प्रभावी होने की परीक्षा तब होती है जब आपको कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की सेवायें नहीं मिलती। गंभीर आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइडर्स को अपनी कप्तानी में दो खिताब दिला चुके हैं।
उन्होंने कहा, 'कप्तानी के गुण की परख तब होती है जब आप एक फ्रेंचाइजी की अगुआई करते हैं, जब आपके पास सहयोग के लिये अन्य खिलाड़ी नहीं होते।'
क्रिकेटर से नेता बने गंभीर ने कहा, 'जब भी मैंने इसके बारे में बात की है, मैं हमेशा ही ईमानदार रहा हूं। देखिये, रोहित शर्मा ने मुंबई इंडियंस के लिये क्या हासिल किया है, देखिये धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स के लिये क्या हासिल किया है। अगर आप इसकी तुलना आरसीबी से करोगे तो नतीजा सभी के सामने हैं, सब देख सकते हैं।'
गंभीर ने टेस्ट प्रारूप में बल्लेबाजी के आगाज के लिये सीमित ओवर के उप कप्तान रोहित शर्मा का समर्थन किया।
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उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि लोकेश राहुल को लंबा समय दिया गया। अब समय है कि रोहित को टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी का आगाज कराया जाये। अगर आप उसे टीम में चुनते हो, तो उसे अंतिम एकादश का हिस्सा होना चाहिए। अगर वह आपकी अंतिम एकादश में फिट नहीं होता तो उसे 15 या 16 खिलाड़ियों की टीम में चुनने का कोई मतलब नहीं। वह इतना बेहतरीन खिलाड़ी है कि उसे बेंच पर नहीं बिठाया जा सकता।'