'राजनीति में शामिल होने की खबरे झूठी हैं।'
गंभीर के सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास लेते ही अफवाहों के नए दौर शुरू हुए और इन्हीं में एक मुख्य अफवाह थी कि बाए हाथ का पू्र्व खब्बू बल्लेबाज अब राजनीति की पिच पर बल्लेबाज करेगा। गंभीर ने ऐसी सभी अफवाहों को एक झटके में खारिज कर दिया। मीडिया से बात करते हुए गंभीर ने बताया, 'मैंने राजनीति में शामिल होने के बारे में कभी नहीं सोचा। मैंने समाज कार्य इसलिए शुरू नहीं किया कि मेरी राजनीति में कोई रूचि है। बल्कि ये मैंने इसलिए किया क्योंकि मुझे यकीन है कि हम ऐसा काम करने से बाकी लोगों के जीवन में कुछ बदलाव ला सकते हैं। मेरे राजनीति में शामिल होने की खबरे झूठी हैं।'
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'इस बात का मुझे कोई पछतावा नहीं'
इस दौरान गंभीर ने विदाई मैच ना मिलने पर कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं है कि मुझे विदाई मैच मिला या नहीं बल्कि ज्यादा महत्वपूर्ण है यह है मुझे देश की ओर से खेलने का सम्मान मिला। आप हमेशा सोचते हैं कि आप ज्यादा बेहतर कर सकते थे, लेकिन यह कभी ना खत्म होने वाली सोच है। इस दौरान गंभीर ने यह भी कहा कि उनको अपने लिए इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए था और जो कुछ अगर उन्हें नहीं भी मिला तो उनको इसका कोई पछतावा नहीं है।
महिला क्रिकेट को लेकर लोग 'गंभीर'
वहीं महिला क्रिकेट टीम के बारे में बात करते हुए गंभीर ने बताया कि महिला क्रिकेट को किस तरह से आप प्रस्तुत करते हैं, यह काफी महत्वपूर्ण है। पहले मीडिया महिला क्रिकेट को ज्यादा तवज्जों नहीं देता था, लेकिन अब महिला टीम को काफी बढ़ावा मिल रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि टीम के सदस्य भी अपने कौशल का प्रदर्शन करे। बता दें कि गंभीर ने भारत के लिए 58 टेस्ट खेलकर लगभग 42 की औसत से 4,154 रन बनाए थे। जबकी 147 एक दिनी मैचों में भी 40 के करीब की औसत से 5,238 रन बनाए।