सचिन को LBW नहीं SBW देना चाहिये था
एचसीएल स्पोर्टस नाइट में भाग लेते हुए ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज गेंदबाज ने भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ मैदान पर हुए छोटी-छोटी नोंकझोंक को याद किया। इस दौरान उन्होंने एडिलेड के मैदान पर 1999 में खेले गये मैच की उस घटना को याद किया जब अंपायर ने उनके कंधे पर लगने के बाद उन्हें LBW आउट दे दिया था।
मैकग्रा ने कहा, ‘क्या यह एलबीडब्ल्यू था। शायद यह एसबीडब्ल्यूए (शोल्डर बिफोर विकेट) होना चाहिए था।'
छोटी हाइट की वजह से अंपायर को हुआ धोखा
अमूमन बाउंसर कंधे के ऊपर से जाने वाली गेंद को कहा जाता है लेकिन उस मैच में गेंद ज्यादा उछाल नहीं ले पारी थी इस वजह से जब मैक्ग्रा की नीचे रहती बांउसर सचिन के कंधे से लगी तो अंपायर डेरल हार्पर ने उन्हें LBW आउट दे दिया। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर इस फैसले से खुश नहीं थे।
मैक्ग्रा ने कहा, ‘सचिन बल्लेबाजी कर रहे थे और अभी उन्होंने क्रीज पर कदम ही रखा था और खाता नहीं खोला था। मैंने उन्हें बाउंसर किया। बाउंसर अमूमन उसके सिर के ऊपर से निकल जाता है लेकिन उस दिन उसमें ज्यादा उछाल नहीं थी। सचिन लंबे कद के खिलाड़ी नहीं हैं और वह नीचे झुक गए और गेंद सीधे उनके कंधे पर जा कर लगी। जब वह नीचे झुका तो मैंने देखा कि गेंद बीच के स्टंप को हिट कर रही थी।'
मैकग्रा ने कहा, ‘इसलिए मैंने अपील की और अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। वह खुश नहीं थे। वह पविलियन लौट गए। क्या यह एलबीडब्ल्यू था? शायद यह एसबीडब्ल्यूए (शोल्डर बिफोर विकेट) होना चाहिए था। '
मैकग्रा को याद आया 2003 विश्व कप, कहा-सचिन ने की थी स्लेजिंग
इस घटना के अलावा ग्लैन मैकग्रा ने 2003 विश्व कप को भी याद किया और फाइनल मैच का जिक्र करते हुए बताया कि जब उन्होंने शुरुआत में सचिन तेंदुलकर को आउट कर दिया था तो दर्शक खुश नहीं हुए। इतना ही नहीं मैकग्रा ने दावा किया कि अक्सर मैदान पर और मैदान के बाहर शांत रहने वाले सचिन तेंदुलकर ने कई मौकों पर उनके साथ स्लेजिंग की थी।
मैकग्रा ने अपने करियर के दौरान सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों का जिक्र करते हुए बताया कि उन्हें हमेशा ब्रायन लारा और सचिन तेंदुलकर जैसे बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजी करके आनंद आया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने उसे कुछ अवसरों पर आउट किया और उसने हमारे खिलाफ कुछ अच्छे शतक भी बनाए। इसलिए हमारे बीच यह 50-50 जैसा रहा।'